मध्यप्रदेश. नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश और तवा तथा बरगी बांध के गेट खुलने से नर्मदा का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में इंदिरा सागर बांध के 12 और ओंकारेश्वर बांध के 18 गेटों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा बढ़ा दी है। इससे ओंकारेश्वर में नर्मदा के सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। मोरटक्का में नर्मदा नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंचने से प्रशासन ने इंदौर-इच्छापुरा राजमार्ग से वाहनों की आवाजाही रात साढ़े आठ बजे से रोक दी। रात में जलस्तर का आकलन कर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुधवार को छोटे वाहनों को प्रतिबंधित किया जा सकता है। जिला प्रशासन और बांध प्रबंधन हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। इस मानसून सत्र में पहली बार बाधों से 15 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
बांध प्रबंधन की ओर से लगातार उद्घोषणा केंद्र के माध्यम से हाई अलर्ट की चेतावनी दी जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नर्मदा नदी मोरटक्का के आसपास निचली बस्ती में भी पानी घुसने की आशंका में उसे खाली करवाया है।
पुल से रोकी वाहनों की आवाजाही
नर्मदा नदी पर बने पुल से वाहनों की आवाजाही शाम चार बजे से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। मोरटक्का में नर्मदा का जलस्तर 162.5 मीटर हो गया है। 163 मीटर पर खतरे का निशान है। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से दोनों तरफ वाहनों को रोका जा रहा है। लोगों को नर्मदा किनारे से हटाने की प्रक्रिया लगातार जारी है। सूत्रों के अनुसार रात में और पानी की मात्रा बढ़ती है तो छोटे वाहनों को भी पुल पर आने जाने से रोक दिया जाएगा। क्षेत्र में लगातार बारिश जारी है। ओंकारेश्वर के सभी घाट पूरी तरह डूब गए हैं।
नर्मदा में उफान
कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने बताया कि इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से छोड़े जा रहे पानी से नर्मदा में उफान को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। मोरटक्का में नर्मदा पुल से वाहनों की आवाजाही रोक दी है। नर्मदा के जलस्तर पर निरंतर नजर रखी जा रही है।