नई दिल्ली. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी की ओर से संचालित कंपनी को एक शराब कारोबारी ने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था। सीबीआई ने आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार पर प्राथमिकी में इस बात का दावा किया है। सीबीआई ने मध्य दिल्ली में सिसोदिया के आधिकारिक आवास और सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 30 अन्य स्थानों पर छापे मारे गए। केंद्रीय एजेंसी ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत 17 अगस्त को दर्ज प्राथमिकी में 15 लोगों का नाम लिया है। मनीष सिसोदिया के अलावा सीबीआई ने आरोपियों के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी को भी नामजद किया गया है। आपको बता दें कि सिसोदिया के पास आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय को भेजे एक संदर्भ पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना उत्पाद नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया। सीबीआई ने कहा कि मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढल तथा इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्र पिछले साल नवंबर में लाई आबकारी नीति का निर्धारण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं में शामिल थे। एजेंसी ने आरोप लगाया कि गुरुग्राम में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे, सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं और आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और स्थानांतरण करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिनेश अरोड़ा की ओर से प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रू से एक करोड़ रुपये मिले थे। सीबीआई ने दावा किया कि सूत्र ने आगे खुलासा किया कि अरुण रामचंद्र पिल्लई, विजय नायर के माध्यम से समीर महेंद्रू से आरोपी लोक सेवकों को आगे स्थानांतरित करने के लिए अनुचित धन एकत्र करता था। अर्जुन पांडे नाम के एक व्यक्ति ने विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रू से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी नकद राशि एकत्र की। एजेंसी का आरोप है कि सनी मारवाह की महादेव लिकर को योजना के तहत एल-1 लाइसेंस दिया था।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि यह आरोप लगाया था कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाइसेंस के विस्तार में अनियमितताएं की गईं। यह भी आरोप लगाया था कि इन कृत्यों से अवैध लाभ को निजी पक्षों की ओर से संबंधित लोक सेवकों को उनके खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां देकर बदल दिया था। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और बेंगलुरु सहित 31 स्थानों पर तलाशी ली गई। जिससे अब तक आपत्तिजनक दस्तावेज, विभिन्न कागजात, डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद किए गए हैं।