टीकमगढ़. महंगाई के इस दौर में ये शीर्षक पढ़कर भले ही आश्चर्य लगे, लेकिन ये किसी अजूबे से कम नहीं है। देश में एक ऐसा प्रदेश भी है जहां पर मात्र एक रूपए में लोगों को भरपेट भोजन दिया जा रहा है। यही नहीं साथ में उन्हे कपडे भी दिए जा रहे हैं। ये प्रदेश है मध्यप्रदेश। यहां के टीकमगढ़ शहर में ऐसी व्यवस्था की हुई है। यह ऐसा शहर है जहां पर खाने वालों की हमेशा लाइन लगी रहती है। इससे जहां सेवा की भावना रखने वाली समिति के सभी सदस्यों को आत्मीय शांती मिलती है। इसके अलावा लोगों को समय पर भोजन मिलने से उनकी भूख भी शांत होती है।
जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ जिला अस्पताल में संचालित आदर्श मानस प्रेरणा समिति की रसोई पिछले 17 सालों से पीडि़त मानवता की सेवा में जुटी हुई है। बीमार लोगों के परिजनों को महज एक रूपए में भरपेट भोजन कराने वाली यह रसोई जिला अस्पताल आने वाले गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बहुत बड़ा सहारा है।
आज के दौर में जहां एक रुपए की कोई कीमत नहीं है, वहीं जिला अस्पताल में इस एक रुपए में लोग भर पेट भोजन कर रहे है। यह सब सफल हो सका है जिले के महज कुछ लोगों की अच्छी सोच से। इन लोगों ने भी पीडि़त मानवता की सेवा के जज्बे को ध्यान में रखकर तबियत से ऐसा पत्थर उछाला कि पिछले 17 सालों से यह रसोई बिना किसी प्रकार की परेशानी के निर्बाध गति से चल रही है।
आगे आया समाज, चल पड़ा कांरवा
जिला अस्पताल आने वाले बीमारी से परेशान लोगों की मदद से लिए आज से 17 साल पहले 15 अगस्त के दिन ही जब सेवा का यह प्रकल्प शुरू हुआ तो लोगों ने भी मुक्त हस्त से दान देना शुरू कर दिया। आलम यह है कि जिले के बहुत से लोग अब अपने परिवार के लोगों का जन्मदिन, जयंती, पुण्यतिथि आदि का आयोजन यही पर करते हंै। ऐसे में वह लोग उस दिन के भोजन का पूरा खर्च वहन करते हैं और यह प्रकल्प लगातार चल रहा है। समिति के सचिव कुमार गौरव बताते है कि समिति की व्यवस्थाओं के लिए कुछ स्थाई सदस्य रखे हंै। जो हर साल सहयोग करते है। वहीं समाज से भी जयंती, पुण्यतिथि आदि पर लोगों के आने से सारी व्यवस्थाएं बिना किसी परेशानी के संचालित हो रही है।
एक रुपए में कपड़े भी
समिति की ट्रस्टी हरिहर यादव ने बताया कि लोगों का सहयोग मिलने पर यहां से मरीजों के परिजनों एवं नवजात बच्चों के लिए अन्य सुविधाएं भी शुरू की गई है। यहां पर मरीजों के परिजनों को सर्दियों में एक रुपए में ओढऩे-बिछाने के कपड़े दिए जाते है। साथ ही नवताज बच्चों को भी कपड़ों की व्यवस्था की जाती है।