चूरू. जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान चूरू के सीएमडी प्रभाग द्वारा आयोजित स्थानीय भाषा आधारित सामग्री निर्माण कार्यशाला का समापन गुरुवार को हुआ। डाइट प्रधानाचार्य गोविंद सिंह राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि सभी को स्थानीय शिक्षण सामग्री का उपयोग करते हुए शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए मनोयोग से कार्य करना चाहिए। शिक्षक में हमेशा नया सीखने व सिखाने की प्रवृत्ति होती है, समय के साथ उसमें बदलाव जरुरी हैं।
प्रभागाध्यक्ष कुसुम शेखावत ने एफएलएन के विषय पर सूक्ष्म बातों को समझाया, उन्होंने अधिगम स्तर को उन्नत करने के प्रयासों की जनकारी दी। सीएमडी प्रभारी बजरंग मीना ने अपने उद्बोधन में कहा कि यहां से शिक्षक जो सीख कर जा रहे हैं, इसका लाभ निश्चित रूप से विद्यालय में बच्चों को मिलेगा और विद्यालय में जाकर बच्चों को सिखा पाएंगे, उनका सदुपयोग हो तभी इस प्रकार की कार्यशलाओं की सार्थकता होगी।
राजेंद्र शर्मा, शिव कुमार शर्मा व निर्मला भौमिया ने स्थानीय भाषा, परिवेश, खेल, कला, कठपुतली कला, स्थानीय पहनावा इत्यादि को प्रायोगिक तौर पर प्रस्तुत कर कार्यशाला को रोचक बनाया। कार्यशाला में विजय लक्ष्मी शेखावत, संदीप मारोलिया, विकास सहारे, सांवरमल बरोड़, हुक्कमा राम बरबड़, ओम प्रकाश रणवां, राजेंद्र राठौड़, सूबे सिंह, विजेंद्र मीना, प्रदीप, संदीप शर्मा आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। संदर्भ व्यक्ति राजेंद्र कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण दिया।
