नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक नई मिसाल पेश की। मां हीराबेन को खोने के बाद सुबह गांधीनगर में अंत्येष्टि कर उन्होंने बेटे का फर्ज पूरा किया, तो कुछ ही घंटे बाद देश के लिए अपना दायित्व निभाया। उन्होंने पहले से तय समय पर पश्चिम बंगाल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल में हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी। यह देश की सातवीं वंदे भारत ट्रेन है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई थी। नई पीढ़ी की पहली ट्रेन हाल में मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाई गई थी। सरकार का देश की आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। पूर्व रेलवे ने इसका संभावित टाइम टेबल तैयार किया है। इसके मुताबिक यह हावड़ा से सोम, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि और रविवार को रवाना होगी। यह हावड़ा स्टेशन से सुबह 05.55 बजे चलेगी। रास्ते में यह न्यू फरक्का 09.56 बजे पहुंच कर 09.57 बजे चलेगी। यह ट्रेन सुबह 10.40 बजे मालदा टाउन पहुंचेगी। वहां पांच मिनट का ठहराव कर ट्रेन 10.45 में रवाना होगी जो 13.45 बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। वापसी में यह न्यू जलपाईगुड़ी से 14.50 बजे रवाना होकर 17.45 बजे मालदह टाउन पहुंचेगी। वहां पांच मिनट ठहर कर 17.50 बजे रवाना होगी। यह हावड़ा रात में 22.40 बजे पहुंच जाएगी।
180 किमी की रफ्तार से चल सकती है वंदे भारत
नई वंदे भारत ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे, एयर कंडीशनर कोच और घूमने वाली कुर्सी है। इस कुर्सी को 180 डिग्री तक घुमाया जा सकता है। यह ट्रेन अधिकतम 180 किमी की रफ्तार से चल सकती है। इसे सुरक्षा कवच से भी लैस किया गया है। ट्रेन में जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो शौचालय हैं। इसे कई हाईटेक तकनीक से लैस किया गया है।
अभी देश में चल रही छह वंदे भारत एक्सप्रेस
- पहली वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली और वाराणसी के बीच फरवरी 2019 में चली थी।
- दूसरी वंदे भारत नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटड़ा के बीच चलाई गई थी।
- तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस इसी साल मुंबई और अहमदाबाद के बीच शुरू की थी।
- चौथी वंदे भारत दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के ऊना के बीच चलाई गई थी।
- पांचवीं वंदे भारत ट्रेन को 11 नवंबर, 2022 को हरी झंडी दिखाई गई थी। यह मैसूर और चेन्नई के बीच चलती है।
- छठी वंदे भारत 11 दिसंबर को महाराष्ट्र के नागपुर से छत्तीगढ़ के बिलासपुर के बीच चलाई गई।
