जयपुर. राजस्थान की विधानसभा में अब 197 सदस्य रह गए हैं। क्योंकि सुजानगढ़ से विधायक व केबिनेट मंत्री भंवरलाल मेघवाल, राजसमंदि विधायक किरण माहेश्वरी और दो विधायक किरण माहेश्वरी और कैलाश त्रिवेदी का निधन हो गया था। 200 सदस्यों वाली इस विधानसभा में वर्तमान में 197 ही रह गए हैं। इस कारण सुजानगढ़, राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा सीटें खाली हो गई है ऐसे में तय माना जा रहा है कि मार्च 2021 के आसपास प्रदेश में इन तीन सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे।
छह माह में कराने होते हैं चुनाव
नियम अनुसार विधानसभा की रिक्त हुई सीट पर छह माह में उपचुनाव कराने का प्रावधान है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि इन तीनों विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव होगा। क्योंकि त्रिवेदी के निधन को दो महीने बीत चुके है। ऐसे में अब चुनाव आयोग चार महीने के अंदर तीनों सीटों पर उप चुनाव करा सकता है।
विधानसभा में ये भी अजब संयोग
जब से नया विधानसभा भवनन बना है तब से लेकर आज तक इसमें विधायकों की संख्या 200 तक नहीं रही है। आपको बता दें की ज्योतिनगर में नया विधानसभा भवन बनाया गया था। तब से लेकर आज तक पूरे पांच साल में एक साथ 200 विधायक भवन में नहीं बैठे। गौरतलब है कि नए भवन में शिफ्टिंग के साथ ही तत्कालीन दो विधायकों मंत्री भीमसेन चौधरी व लूणकरणसर विधायक भीखा भाई का निधन हो गया था। इसके बाद 2002 में विधायक किशन मोटवानी व विधायक जगत सिंह दायमा का भी निधन हो गया। तत्पश्चात गहलोत सरकार के तत्कालीन मंत्री रामसिंह विश्नोई की भी मृत्यु हो गई। 2005 में विधायक अरुण सिंह व 2006 में नाथूराम अहारी का निधन हो गया। इसी प्रकार वसुंधरा राजे सरकार के पिछले कार्यकाल में उप चुनाव हुए और सभी 200 सीटें भरी तो बसपा विधायक बाबूलाल कुशवाह जेल चले गए। मुंडावर विधायक धर्मपाल चौधरी, नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह और भाजपा से मांडलगढ़ विधायक कीर्ति कुमारी की मौत हो गई। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी की मौत हुई तो 199 सीटों पर ही चुनाव हुए। जब विधानसभा का पहला सत्र शुरू हुआ तो 199 विधायक ही बैठे। रामगढ़ सीट पर उपचुनाव हुए और कांग्रेस की साफिया जुबैर विधानसभा में पहुंचीं। आरएलपी के हनुमान बेनीवाल संसद पहुंच गए। इस तरह फिर 199 सीट रह गई। वर्तमान में तीन नेताओं के िनिधन के बाद ये आंकड़ा अब 197 पर आ पहुंचा है।