नागौर. एक तरफ पंजाब के किसान दिल्ली कूच पर है। किसान बिलों को रद्द करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं। वहीं इस आंदोलन को लेकर आरएलपी अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल भी तल्ख अंदाज में नजर आए हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दो टूक कहा कि सरकार ने यदि किसान बिल वापस नहीं लिए तो उनकी पार्टी एनडीए से गठबंधन पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने पत्र के माध्यम से सिकानों को दिल्ली में बातचीत के लिए उपयुक्त स्थान दिलाने की भी मांग की है। हनुमान बेनीवाल ने अपने पत्र की कॉपी टवीट भी की है। उसमें उन्होंने लिखा है कि \’अमित शाह जी केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि बिलों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। अनुरोध है कि बिलों को वापस लेने हेतु तत्काल कार्रवाई करें। भीषण सर्दी और कोरोनाकाल में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं। जो शासन के लिए शोभनीय नहीं है। बेनीवाल ने आगे लिखा कि तीनों बिलों को वापस लेते हुए किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें।
बेनीवाल पहले भी दे चुके बयान
इससे पहले गुरुवार को हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार को दिल्ली आ रहे किसानों की बात सुनकर कृषि कानून को वापस लेने की जरूरत है। हरियाणा सहित आस-पास के राज्यों की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नही अपनाएं। अगर पुलिस और सरकारों ने किसानों के विरोध में कोई दमनकारी नीति अपनाई तो उनकी पार्टी आरएलपी राजस्थान सहित देश के किसानों के पक्ष में प्रदर्शन करेगी। साथ ही केंद्र को स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की भी जरूरत है ताकि किसान कौम का भला हो सके।
ये है मामला
गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों पांच दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों पर पानी फैंका गया। उन्हे रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वे हटे नहीं। तीन किसान बिलों को लेकर किसानों का विरोध अब भी जारी है। वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।