जयपुर. सुबे की सबसे बड़ी पंचायत के मुखिया अशोक गहलोत ने भाजपा नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार गिरने व मध्यावधि चुनाव होने के बयान उनकी लोकतांत्रिक विरोधी सोच को परीलक्षित करता है। मुख्यमंत्री ने ये बयान भाजपा की ओर से लगातार की जा रही टिप्पणी के विरोध में किया है। गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व सांसद जसकौर मीणा लगातार बयान दे रहे हैं कि छह माह में सरकार गिर जाएगी और प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होंगे। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक पैसे के खातिर सरकार छोड़कर जा सकते हैं। गहलोत ने कहा कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से सरकार बनाने वाली भाजपा को राजस्थान में मिली शिकस्त की कुंठा है। ऐसे में राजनीति के स्तर को गिराने वाले बयान उनकी लोकतंत्र विरोधी सोच को जाहिर करते हैं। गहलोत ने कहा कि विपक्ष की ओर से की जा रही नकारात्मक राजनीति से जनता में उनके प्रति रोष का माहौल है। भाजपा नेताओं के बयानों से जाहिर है कि वे धनबल और बाहुबल के आधार पर राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पूर्व में भी ऐसे प्रयास किए लेकिन कांग्रेस विधायकों की एकजुटता और प्रतिबद्धता के चलते इन्हें मुंह की खानी पड़ी। जुलाई माह में बीजेपी नेताओं के राजस्थान के विधायकों को प्रलोभन देते ऑडियो टैप सार्वजनिक हुये थे। गुजरात में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायक का वीडियो भी मीडिया में आ चुका है, जिसमें उस विधायक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के लिये उसे 10 करोड़ रुपए मिले।
भाजपा प्रदेश में पैदा कर रही भय का वातावरण
गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने बेहतर काम किया है। सरकार अपने कुशल प्रबंधन से राज्य की जनता की रक्षा कर रही है। कोरोना महामारी के मैनेजमेंट की तारीफ देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी की है। यही नहीं केंद्र सरकार ने कोरोना नियंत्रण के लिए राजस्थान की कई नीतियों का अनुकरण किया है और दूसरे राज्यों को भी राजस्थान से सीखने की सलाह दी है। लेकिन प्रदेश के नेताओं ने राजस्थान में कोविड मैनेजमेंट पर अनर्गल बयान देकर जनता में भय पैदा करने की कोशिश की है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।