नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बड़ा ऐलाना किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव को छोटे दलों के साथ गठजोड़ करके लड़ा जाएगा। यादव परिवार के साथ सैफई दीपावली मनाने पहुंचे थे। उन्होंने इस बात की घोषणा इटावा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। इस मौके पर बसपा के तीन पूर्व जिला अध्यक्ष लाखन सिंह, राघवेंद्र गौतम,जितेंद्र दोहरे,बसपा नेता वीरू भदौरिया, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कीरत पाल सहित कई नेता अखिलेश यादव के सामने सपा में शामिल हुए। आपको बता दें कि अखिलेश उत्तर प्रदेश के चुनावों में पहले कांग्रेस इसके बाद बसपा से गठबंधन का प्रयोग कर चुके, लेकिन इसमें उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। बड़े दलों से गठबंधन किए जाने के बावजूद उन्हे हार का सामना करना पड़ा था लेकिन अब आने वाले चुनाव में छोटे दलों को भी गठजोड़ में शामिल करके मैदान में उतरने का निर्णय सपा प्रमुख ने किया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ये भी स्पष्ट किया है कि इस बार बड़े दलों से गठबंधन नहीं किया जाएगा। उनका पूरा फोकस छोटे दलों पर ही रहेगा।
चाचा को केबिनेट मंत्री बनाने का एलान
अखिलेश ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और अपने चाचा शिवपाल के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की सीट छोडऩे और सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने का एलान किया। अखिलेश के इस बयान को शिवपाल की ओर से पूर्व में सपा से गठजोड़ की सम्भावनाओं पर दिए बयानों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। यूपी की सात सीटों पर उपचुनाव एवं बिहार में महागठबंधन की हार पर अखिलेश ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कि लोकतंत्र में इतना बड़ा धोखा किसी के साथ नहीं हुआ। महागठबंधन को बेईमानी से हराया गया है। बिहार में भाजपा नहीं बल्कि सरकार चुनाव लड़ रही थी।