बिहार. बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में महागठबंधन की सरकार बनती दिख रही है। ताजा रुझानों के मुताबिक महागठबंधन में शामिल आरजेडी 68, कांग्रेस 22, लेफ्ट 10 सीटो पर आगे चल रही है। वहीं एनडीए में शामिल जेडीयू 29, भाजपा 42, वीआईपी दो, हम पार्टी दो सीटों पर आगे चल रही है। यानी की महागठबंधन 100 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इसी प्रकार एनडीए 75 के साथ बढ़त बनाए जुए हैं। यानी की बिहार की जनता ने शुरुआती रुझान में अपना मत महागठबंधन के लिए स्पष्ट कर दिया है। इस चुनाव में जहां नीतीश कुमार की साख दांव पर लगी है। बहुत सारे एग्जिट पोल्स ने बताया है कि महागठबंधन को जीत मिल सकती है। बिहार में महागठबंधन ने कोविड मिसमैनेजमेंट, जातिगत समीकरण और ऐंटी इनकंबेंसी सब तेजस्वी के पक्ष में रहे।
तेजस्वी के रोजगार के वादे का बिहार की जनता पर असर
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर किए चुनाव प्रचार में तेजस्वी यादव का बेरोजगारों को नौकरी देने का दाव काम करता नजर आ रहा है। उनके रोजगार देने के वादे में कमाल कर दिया है। ऐसे में नीतिश कुमार को बड़ा झटका लगने के संकेत सामने आने लगे हैं। यही नहीं बिहार में कोविड मिस मैनेजमेंट ने भी एनडीए सरकार के लिए बड़ा नुकसान का कारण माना जा रहा है जिसके चलते बिहार महागठबंधन को पूरा फायदा मिला है। भाजपा के नेताओं ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि एनडीए इस बार संकट में है।
एमवाई एजेंडे पर किया प्रचार
आपको बतादें की तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार को मजदूर युवा पर पूरा फोकस रखा है। एम-वाई का ये कार्ड एनडीए पर भारी पड़ गया है। भाजपा के एक नेता का ये भी कहना है कि अगर नीतीश कुमार के खिलाफ ऐंटी इनकंबेंसी है तो किसी तरह मैनेज हो जाएगा लेकिन अगर लोगों के मन में गुस्सा है तो वास्तव में हम बिहार में संकट में है। ग्राउंड रिपोर्ट स्पष्ट बताती रही हैं कि ऐंटी इनकंबेंसी बड़ा फैक्टर है। बहुत सारे वोटर्स का कहना है कि नीतीश कुमार ने अपने वादों को नहीं निभाया।
उद्योग और फैक्ट्रियों की खराब हालत
लॉकडाउन के कारण बिहार में एक बहुत बड़े युवा मजदूर वर्ग के सामने रोजगार का संकट खड़ा हुआ। इस मुद्दे को तेजस्वी यादव ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान खूब भुनाया, जिसमें काफी हद तक वे कामयाब भी नजर आए। वहीं नीतिश के शासन में बिहार में उद्योगों और फैक्ट्रियों की खराब हालत भी एनडीए के लिए बड़ा संकट बन गई। ऐसे में बिहार में नीतिश के खिलाफ माहौल तैयार हो गया।