चूरू. राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर निगम का निजीकरण बंद करने की मांग की है। ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में लिखा है कि निगम में कर्मचारियों को लगाया जाए ताकि स्थिति में सुधार हो सके। उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि निगमत के प्रस्तावित एफआरटी, एमबीसी, जीएसएस ठेका प्रथा, कलस्टर, निजीकरण जैसी प्रथा निगम व आम उपभोक्ता के हित में नहीं है। 19 जुलाई 2001 से पूर्व विद्युत मंडल को पांच निगमों में बांटने का जनविरोधी फैसला लिया गया था। इस कारण से विद्युत निगम का घाटा एक लाख करोड़ से उपर पहुंच तक पहुंच गया था। अब धीरे-धीरे लोस का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। उसी प्रकार एफआरटी और एमबीसी को बढ़ावा देने का फैसला आत्मघाती साबित होगा। निगम को घाटे से उबारने के लिए कर्मचारियों की भर्ती की जाए। उन्होंने ज्ञापन में चूरू जिले में 33/11 केवी जीएसएस ठेके पर न देकर उनका संचालन कर्मचारी की ओर से किए जाने, चूरू सर्किल में एफआरटी बंद करने,सेवा के 12 साल जिस दिन से पूर्ण हुए उसी तिथि से ग्रेउ पे की बढ़ोतरी करने, कर्मचारियों की वेतन कटौती बंद करने, दीपावली का बोनस शीघ्र देने, कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की। ये ज्ञापन जिलाध्यक्ष मोहसिन खान के नेतृत्व में दिया गया।