सुजानगढ़. सुजला फॉयर वक्र्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री से पटाखों की बिक्री पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मलकुमार सर्राफ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेशानुसार भारत की पांच हजार फैक्ट्रियां वैज्ञानिक संस्थान नीरी के आदेशानुसार नए कैमिकल फार्मूले के तहत ग्रीन पटाखों का निर्माण किया जा रहा है। ये पर्यावरण के लिए इतना घातक नहीं है। पर्यावरण को नुकसान ना हो इसके तय मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए ही पटाखों का निर्माण किया जा रहा है। ग्रीन पटाखों में जिस कैमिकल का उपायोग किया जाता है वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। सचिव मनीष शर्मा, किशोर सिंधी व लाडनूं के राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि ग्रीन पटाखों का चलन दो वर्षों से बढ़ गया है। उन्होंने शीघ्र ही प्रतिबंध हटाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में कोषाध्यक्ष रमेश भरतिया, लाडनूं के दीनदयाल अग्रवाल, निरजंन प्रजापत, चिरंजीव, श्यामसुन्दर, बजरंग दल के जिला संयोजक मोहित बोचीवाल, मुरली सिंधी, एबीवीपी के अमन सोनी, महेश अग्रवाल, परमेश्वर, महेन्द्रकुमार गोलछा, विजयसिंह सहित तीन दर्जन पटाखा व्यवसायी मौजूद थे।
रतनगढ़. पटाखा व्यवसायियों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पटाखों के विक्रय पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग की है। नीरी नाम की संस्था की ओर से दिए नए फार्मूले के अनुसार पटाखे बनाना अनिवार्य है। पटाखा प्रतिबंध करने के लिए कोरोना संक्रमण का हवाला दिया है। जबकि इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। बल्कि पटाखे के धुएं से कई हानिकारक कीटाणु मरते हैं। उन्होंने समस्या के समाधान की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में सुरेश कुमार अरुण कुमार, सुभाष चंद्र, मुरलीधर, पवन कुमार भार्गव, बालकृष्ण, श्याम सुंदर शर्मा, अमित जोशी प्रमुख थे।