चूरू. चूरू व बीकानेर एसीबी की टीम ने भरण-पोषण की राशि दिलाने व वारंट जारी कराने की एवज में कोर्ट परिसर के बाहर 40 हजार रुपए रिश्वत लेते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वार्ड 17 रामगढ़ शेखावाटी जिला सीकर निवासी भगवती प्रसाद सैनी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामला पारिवारिक न्यायालय से जुड़ा हुआ है। एसीबी बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया ने बताया कि परिवादी सोनिया तेतरवाल ने मामले को लेकर चूरू एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश स्वामी के समक्ष परिवाद पेश किया था। जिसमें उसने बताया कि उसका पीहर झुंझुनूनं जिले का सूूरजगढ़ है, शादी सरदारशहर निवासी कृष्ण तेतरवाल से हुई थी। उसका पांच साल पहले पति से विवाद हो गया था। जिसका मामला चूरू पारिवारिक न्यायालय में चल रहा था। न्यायाधीश की ओर से आरोपित पति को बेटी को भरण-पोषण के तौर पर मासिक पांच हजार व प्रत्येक पेशी के तौर पर परिवादी को ढाई हजार रुपए कुल पांच लाख का भुगतान करने के आदेश दिए थे। लेकिन आरोपित पति की ओर से राशि जमा नहीं करवाई जा रही थी। पारिवारिक न्यायालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो कि चालक भी है ने पीडि़ता को पांच लाख रुपए का भुगतान कराने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की। आरोपित भगवती प्रसाद ने कहा कि कोर्ट में सबकुछ वो ही तय करता है। आरोपी ने उसे तलाक करवाने के लिए धमका दिया। शिकायत का सत्यापन किया तो सही पाई। सत्यापन के दौरान आरोपित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने पहले कोर्ट के सामने दस हजार रुपए की रिश्वत ले ली। गुरुवार को मामले की पेशी थी, जिसमें शेष रकम 90 हजार रुपए रिश्वत राशि का भुगतान किया जाना था। लेकिन काफी प्रयास के बावजूद परिवादी 40 हजार रुपए ही जुटा पाई। इधर कोर्ट परिसर के बाहर आरोपित सैनी को रिश्वत राशि दी गई। इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया पीडि़ता ने बताया कि आरोपित व्हाट्स अप के जरिए संदेश भेजकर रिश्वत राशि देने के लिए लगातार दबाव बनाता था। राशि नहीं देने पर केस बिगाडऩे के लिए धमकी भी देता था। इस कार्रवाई में बीकानेर एसीबी के उपाधीक्षक शिवरतन गोदारा, एचसी बजरंग सिंह व गिरधारी दान, महिला कांस्टेबल हजारा पठान, कांस्टेबल प्रेमकुमार, अनिल कुमार शामिल रहे।