चूरू. कोरोना संक्रमण के चलते बंद किए स्कूलों को खोले जाने के संंबंध में सरकार की ओर से अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है। इसको लेकर निजी शिक्षण संस्थानों में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसको लेकर शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति एवं शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने सोमवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन सेन्ट विक्टोरिया मेमोरियल उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया। इस मौके पर चूरू जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह धायल ने कहा कि हमारी मांगों पर सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए सभी स्कूल संचालक 5 नवंबर से सम्पूर्ण शटडाउन की तरफ अग्रसर होंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान के करीब 11 लाख निजी स्कूल कर्मचारी सड़क पर आन्दोलन करेंगे। इस दौरान होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि 9 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से लिए फैसले के अनुसार 60 प्रतिशत फीस का आदेश संस्थाओं के विरूद्ध आदेश जारी किया है। इस आदेश पर पुनर्विचार कर संस्थाओं एवं उनमें कार्यरत कर्मचारियों के हित को देखते हुए पुन आदेश कराए। अभिभावकों को भी संस्थाओं फीस जमा करवाने के लिए आदेशित किया जाए ताकि व्यवस्था बाधित ना हो। उन्होंने दिपावली से पूर्व आरटीई की बकाया किस्त का तत्काल भुगतान करने की मांग भी सरकार से की। इस अवसर पर एलएन इन्दौरिया, राजेश तेतरवाल, सुरेन्द्र महिया, प्रताप सिंह राठौड़ व गिरधारी गुर्जर आदि निजी शिक्षण संस्थान के संचालक उपस्थित थे।