चूरू. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किए जाने के उद्देश्य से सरकार संसद के वर्तमान सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लेकर आ रही है जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक को निजी क्षेत्र में किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। देश के बैंक कर्मचारी व अधिकारी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ लामबंद होकर 16 व 17 दिसंबर की 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर चूरू मे भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा लाल घंटा घर के सामने सरकार की जन विरोधी नीतियों का विरोध प्रदर्शन किया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक जयंत परिहार व एआईबीओसी क्षेत्रीय संयोजक श्याम सुंदर सैनी ने बताया की इस हड़ताल में चूरू जिले की सार्वजनिक क्षेत्र की 150 से भी अधिक शाखाओं में कार्यरत 1500 अधिकारी व कर्मचारी जिनमें सफाई कर्मचारी से लेकर सहायक महाप्रबंधक शामिल हैं । सार्वजनिक क्षेत्र के 250 एटीएम में हड़ताल के दौरान पैसा नहीं भरा जाएगा । इसके साथ ही हड़ताल से क्लीयरिंग के चेको से प्रतिदिन 300 करोड़ का लेन देन प्रभावित होगा। यूनाइटेड फोरम, फोरम ऑफ बैंक यूनियंस चूरू से जुड़े संगठन के नेता सुंदर लाल गहलोत, शकील खान , नरपत् सिंह राठौड़, किसान नेता रामरतन सिहाग, सगठन के पंकज भार्गव, सुनील जैन, एनसीबीई के अजय शर्मा, ने अपने संगठन से जुड़े सभी सदस्यों के साथ भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा चूरू के सामने एकत्रित होकर नारेबाजी कर धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सुरेश बुडानिया, आलोक कुमार, पवन कुमार राजकुमार इंदोरिया, बबलू, दयाल सिंह, मुकेश परिहार मुकेश कुमार ,राजेश धूत योगेश राजपुरोहित, संजीव कुमार,सतपाल जोशी, राजीव, चिरंजीलाल, सुधाकर सैनी जय प्रकाशसैनी, नंदकिशोर दर्जी, मदन लाल सैनी, हेमंत चाहर, देवेंद्र शर्मा, मनोज प्रजापत, सुधीर दनेवा, रूपनारायण सुरोलिया गिरजाशंकर सैनी, धनराज सैनी, शेरसिंह गहलोत सहित अनेक कर्मचारियों ने एकत्रित होकर सरकार की निजी करण विरोधी नीतियों के खिलाफ में धरना प्रदर्षन कर नारेबाजी की। आंदोलनकारियों को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेतागण ने भी संबोधित किया।