चूरू. जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने कहा है कि आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान होना चाहिए और शीघ्र समाधान की मंशा से ही ऑनलाइन पोर्टल राजस्थान संपर्क विकसित किया गया है, इसका लाभ आमजन को मिलना चाहिए। जिला कलक्टर गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज व निस्तारित प्रकरणों, फ्लैगशिप योजनाओं तथा बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होंने छह महीने तथा एक साल से लंबित प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अधिकारी नियमित तौर पर पोर्टल लॉगिन करें और समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। उन्होंने विभागवार लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और निस्तारण में गति लाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि राज्य सरकार स्तर से इन प्रकरणों की नियमित मॉनीटरिंग हो रही है, इसलिए इसे गंभीरता से लें और निस्तारण करें। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, लोकायुक्त सहित विभिन्न स्तरों से प्राप्त प्रकरणों के भी त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान एडीएम लोकेश गौतम, सीईओ रामनिवास जाट, कमिश्नर अभिलाषा सिंह, सीपीओ जगदीश जांगिड़, सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा, डिस्कॉम एसई एमएम सिंघवी, जीपीएफ के महीपाल मोटसरा, सीडीईओ संतोष महर्षि, डीईओ निसार अहमद खान सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा कर दिए निर्देश
जिला कलक्टर ने इस दौरान राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फ्लैगशिप योजनाएं आमजन के कल्याण की योजनाएं हैं और इन पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है, इसलिए इनके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें। जिला कलक्टर ने इस दौरान बजट घोषणाओं व जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की और राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर निर्देश दिए तथा निर्धारित प्रपत्र में सूचना भेजने के लिए कहा।
बीस सूत्री कार्यक्रम में तीन साल से अव्वल जिला
गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर ने विभिन्न बिंदुओं को लेकर विचार-विमर्श किया और कहा कि जिला बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन में पिछले तीन साल से राज्य में अव्वल चल रहा है। किसी एकाध बिंदू में पिछडऩे से जिले की रैंकिंग प्रभावित हो सकती है, इसलिए सभी अधिकारी अपने-अपने बिंदुओं में यह सुनिश्चित करें कि इनका समुचित क्रियान्वयन हो और योजनाओं का समुचित लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे।