जोधपुर/रतनगढ़. राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए छह आरोपियों को चर्चित हत्याकांड में बरी कर दिया है। ये मामला चूरू जिले के सुजानगढ़ इलाके के बहुचर्चित गनोड़ा हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। जोधपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आनंदपालसिंह के भाई मंजीत सिंह सहित 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। मंजीत फिलहाल अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। आपको बता दें कि 3 साल पहले चूरू जिले की सुजानगढ़ एडीजे कोर्ट ने ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने मंजीत सिंह सहित रामसिंह, मोंटी सिंह, कैलाशदान, महावीर सिंह और छोटू सिंह को रिहा किए जाने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने फैसले में लिखा कि प्रॉसिक्यूशन अपराध को साबित करने में जरूरी साक्ष्य समझाने में विफल रहा है। प्रॉसिक्यूशन की स्टोरी में भी बड़ी खामियां है, जिन्हें सुलझाया नहीं गया है। इसलिए ट्रायल कोर्ट के फैसले को कायम नहीं रखा जा सकता है। फिलहाल रामसिंह और मंजीत जेल में बंद हैं। मोंटी सिंह, कैलाशदान, महावीर सिंह और छोटू सिंह मामले में जमानत पर हैं। कोर्ट ने कहा कि अब जमानत पर चल रहे मोंटी सिंह, कैलाशदान, महावीर सिंह और छोटू सिंह को बेल बांड भरने की जरूरत नहीं होगी। रामसिंह और मंजीत अगर किसी दूसरे मामले में जेल वांटेड है तो उन्हें जेल में रहना पड़ सकता है।
प्रकरण के अनुसार 29 जून 2011 को कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल और उसके 10 साथियों ने मिलकर सुजानगढ़ के भोजलाई चौराहा पर फायरिंग की थी। इसमें नानूराम शेरडिय़ा को 9 गोलियां लगी थी। फायरिंग की घटना के बाद सभी आरोपी 9 किमी दूर स्थित गनोड़ा गांव के शराब ठेके पर गए। वहां उन्होंने राकेश जाट की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। फायरिंग में घायल नानूराम किस्मत से जिंदा बच गया। तब मामले में 11 आरोपियों में से विक्की सिंह को फरार घोषित किया था। एडीजे कोर्ट में उस पर अलग से ट्रायल चल रहा है। जबकि गैंगस्टर आनंदपाल सिंह, बलबीर बानूड़ा और रामधन फौजी की मौत हो चुकी है।
7 जून 2018 को सुजानगढ़ एडीजे कोर्ट के न्यायाधीश रामपाल जाट ने धारा 302 में सभी आरोपियों को हत्या का दोषी माना था। कोर्ट ने आरोपी मंजीतपाल सिंह, मोंटी सिंह, राम सिंह, प्रताप सिंह, केडी चारण, छोटू सिंह और महावीर सिंह को उम्रकैद और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी। जुर्माना अदा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए थे।