नई दिल्ली, एएनआइ. बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने महाराष्ट्र के मंत्री गुलाबराव पाटिल की ओर से सड़कों की तुलना उनके गालों से किए जाने पर भड़़क गई। उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हेमा मालिनी ने कहा कि ये ट्रेंड कुछ साल पहले लालू जी ने शुरू किया था इसलिए सब लोगों ने इसे इस्तेमाल किया। अगर सामान्य लोग ऐसा बोले तो समझ आता है लेकिन अगर संसद के सदस्य ऐसा बोले तो ये ठीक नहीं है।
मंत्री के बयान पर विवाद
आपको बता दें कि मंत्री गुलाबराव पाटिल के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मंत्री से अपने बयान पर माफी मांगने को कहा था। हालांकि आयोग की तरफ से मिली कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के बाद पाटिल ने माफी भी मांग ली है। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने टिप्पणी का संज्ञान लिया था। उन्होंने पाटिल को सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
#WATCH ये ट्रेंड कुछ साल पहले लालू जी ने शुरू किया था इसलिए सब लोगों ने इसे इस्तेमाल किया। अगर सामान्य लोग ऐसा बोले तो समझ आता है लेकिन अगर संसद के सदस्य ऐसा बोले तो ये ठीक नहीं है: महाराष्ट्र मंत्री गुलाबराव पाटिल के सड़कों की तुलना हेमा मालिनी के गाल से करने पर हेमा मालिनी, BJP pic.twitter.com/vU9IpXv6Xc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2021
क्या है गुलाबराव पाटिल का बयान?
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने सड़कों की तुलना हेमा मालिनी के गालों से की थी। उन्होंने जलगांव जिले के बोधवाड़ नगर पंचायत चुनाव के दौरान एक चुनावी बैठक को संबोधित करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। मंत्री ने कहा था, ‘जो 30 वर्षों तक विधायक रहे, उन्हें मेरे विधानसभा क्षेत्र में आकर सड़कों को देखना चाहिए। अगर ये हेमा मालिनी के गाल जैसी नहीं हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
राजस्थान में मंत्री गुढ़ा ने दिया था इसी तरह का बयान
जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार के मंत्रीमंडल में किए विस्तार में शामिल होने के बाद झुंझुनू के उदयपुवाटी से विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने भी फिल्म अभिनेत्री कैटरीना कैफ के गालों जैसी सड़क बनाने का बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अब सड़कें हेमामालिनी के गाल। इस पर लोगों ने कहा कि वो तो अब बूढ़ी हो गई है तो गुढ़ा ने कहा कि कैटरीना कैफ के गाल जैसी सड़क बननी चाहिए। मंत्री गुढा के इस बयान की सियासी गलियारों में खूब चर्चा रही थी।