मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए कोविड—19 की स्थिति की समीक्षा कर दिए निर्देश
चूरू. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड के विभिन्न वैरिएंट्स के मिजाज को समझ पाना आसान नहीं है। दूसरी लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का काफी घातक रूप सामने आया था। अब ओमिक्रोन दुनिया के करीब 110 मुल्कों में फैल चुका है। जरूरी है कि निर्धारित आयु समूह के सभी लोगों का वैक्सीनेशन हो और कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना हो। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन लोगों को वैक्सीनेशन और मास्क पहनने के लिए जागरूक करें। प्रदेश में एक फरवरी, 2022 से विभिन्न स्थानों पर प्रवेश एवं विभिन्न सुविधाओं के उपयोग के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य किया जाएगा और जनवरी के प्रथम सप्ताह से मास्क नहीं लगाने पर कानून के अनुरूप फिर सख्ती की जाएगी।
मुख्यमंत्री गहलोत शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र के वीसी कक्ष में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा, एसपी नारायण टोगस, एडीएम लोकेश गौतम, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा. महेश मोहन पुकार, सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा, डीबी अस्पताल अधीक्षक डॉ शरद जैन, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पहली और दूसरी लहर की तरह ही प्रदेश में पूरी सतर्कता और सावधानी बरती जाए ताकि भविष्य में जीवन रक्षा को लेकर किसी संकट का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन वैक्सीनेशन के अभियान को गति देकर शत-प्रतिशत लक्ष्य शीघ्र हासिल करे। साथ ही, कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ समय में पॉजिटिव केस काफी कम होने से लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना में ढिलाई बरतना शुरू कर दिया है, लेकिन दुनिया के कई देशों में संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। ऐसे में, जिला प्रशासन आमजन को जागरूक करे कि वे अनिवार्य रूप से वैक्सीनेशन करवाएं, क्योंकि कोविड से बचाव का यह सबसे कारगर उपाय है। विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों में संक्रमण और मृत्यु का खतरा काफी कम रहता है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली एवं दूसरी लहर में कोविड का बेहतरीन प्रबंधन करते हुए देशभर में उदाहरण पेश किया है। हमारे भीलवाड़ा मॉडल को दुनिया में सराहा गया। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में तमाम तैयारियां पहले से कर ली जाएं। राज्य सरकार बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण के लिए भी केन्द्र सरकार से निरंतर आग्रह कर रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। विदेशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष निगरानी रहे। साथ ही टेस्टिंग और टे्रसिंग व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए। आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों में संक्रमण की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में, प्रदेश में भी विशेष सतर्कता रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए।
गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने ऑमिक्रोन को लेकर जो चिंता व्यक्त की है, उसके अनुरूप कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर सख्ती करना जरूरी है। पहली और दूसरी लहर की तरह ही फिर से गांव-ढाणी तक लोगों को जागरूक करना चाहिए।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि जिला कलक्टर वैक्सीनेशन पर विशेष फोकस करें। जहां भी वैक्सीनेशन की गति धीमी है, वहां अभियान चलाकर लक्ष्य हासिल करें। जांच, स्क्रीनिंग, दवा एवं उपचार सहित सभी व्यवस्थाएं पुख्ता रखें। प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने कहा कि लोगों को मास्क लगाने के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही, बड़ी सभाओं या भीड़ वाले स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल की पूरी पालना सुनिश्चित कराई जाए।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वैभव गालरिया ने वैक्सीनेशन और कोविड संक्रमण की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि देशभर में ओमिक्रोन के करीब 338 मामले सामने आए हैं। राजस्थान में 22 मामले सामने आए थे। इनमें से 21 रोगी ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुधीर भण्डारी ने दुनियाभर में ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण और इससे बचाव के उपायों के संबंध में जानकारी दी। चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। बैठक में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक पुरूषोत्तम शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।