जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जयपुर शहर में आम लोगों को सार्वजनिक सुविधाओं की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था, साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन, आवारा मवेशियों को सड़कों तथा मुख्य रास्तों से हटाने, निगम क्षेत्रें में संचालित डेयरियों को शिफ्ट करने एवं रास्तों को अतिक्रमण से मुक्त रखने के लिए समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश की राजधानी में सार्वजनिक पार्किंग और जन सुविधाओं के प्रबंधन में सुधार करने के भी निर्देश दिए हैं।
आर्य शुक्रवार को शासन सचिवालय में उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की 18वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में शहर के तीन मुख्य मार्गो पर संचालित बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता, निर्माणाधीन एलिवेटेड सड़कों एवं फ्लाईओवर, घर-घर कचरा संग्रहण, कचरे से बिजली बनाने के प्लांट, कॉलोनियों में आम रास्तों पर अवैध गेटों को हटाने आदि पर विस्तृत चर्चा हुई। बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता के अध्ययन के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया, जो एक माह में सुझाव देगी।
मुख्य सचिव ने विशेष योग्यजनों की सुविधा के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) के मानदण्डों के अनुरूप टोंक रोड पर नारायण सिंह सर्किल से लेकर यादगार तक एक विशेष ’आदर्श पैदल पथ’ बनाने के सुझाव पर एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ’नो ट्रैफिक सिग्नल’ परियोजना के तहत जवाहर सर्किल पर प्रस्तावित डिजाइन में एक अतिरिक्त पैदल पार पथ बनाने का भी सुझाव दिया। जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल ने शहर में साफ-सफाई, ट्रैफिक प्रबंधन, पार्किंग, सार्वजनिक सुविधाओं, अतिक्रमण और आवारा पशुओं तथा डेयरियों के शहर से बाहर विस्थापन पर प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, जयपुर हैरिटेज निगम के आयुक्त अवधेश मीणा, जयपुर ग्रेटर निगम के आयुक्त यज्ञमित सिंहदेव, सामाजिक कार्यकर्ता मृदुला भसीन एवं बाबूलाल जाजू सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे ।