जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आह्वान किया है कि राहत कोष में जिस तरह से जरूरतमंदों को सहायता का दायरा बढ़ा है, उसी तरह इसमें सहयोग करने वालों का भी दायरा बढ़े। उन्होंने अपील की कि भामाशाह निस्वार्थ भाव से इस कोष में सहयोग करने के लिए आगे आयें ताकि आपदा पीडि़त किसानों की तात्कालिक मदद, वंचित गरीब बच्चों की शिक्षा जैसे व्यापक उद्देश्यों के लिए भी पर्याप्त राशि उपलब्ध हो सके। राज्यपाल मिश्र शनिवार को राजभवन में राज्यपाल राहत कोष फण्ड संग्रहण एवं परामर्श के लिए गठित समिति की बैठक में सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने इस दौरान राज्यपाल राहत कोष की अधिकृत वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। उन्होंने इस राहत कोष में सहयोग करने वाले दानदाताओं और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए निजी शिक्षण संस्थाओं से भी इसमें अधिकाधिक सहयोग करने की अपील की। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल राहत कोष का दायरा बढ़ा कर ऐसे जरूरतमंदों को भी इसमें शामिल किया गया है जो अन्य कहीं से भी सहायता प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राहत कोष में किसी तरह का कोई बजटीय प्रावधान नहीं है और यह पूरी तरह से दानदाताओं के सहयोग से ही संचालित होता है। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि इस कोष का उद्देश्य केवल धन संग्रहण नहीं है बल्कि सभी के सहयोग से राज्य में जरूरतमंद आमजन से जुड़कर उनकी तकलीफ एवं परेशानी दूर करना है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल राहत कोष में अब डिजिटल रूप में भी क्यूआर कोड स्कैन कर सहयोग राशि सीधे बैंक खाते में जमा कराई जा सकती है। आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी पूरे भारत में खुले दिल से मदद करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होने इन लोगों को जोड़कर अधिकाधिक राशि एकत्रित करने का सुझाव दिया ताकि राज्यपाल राहत कोष के माध्यम से अधिकाधिक सहायता दी जा सके ।
विधायक वासुदेव देवनानी ने विवाह, शादी सालगिरह, जन्मदिवस आदि विशेष अवसरों पर जरूरतमंदों की सहायतार्थ राज्यपाल राहत कोष में राशि देने के लिए लोगों को प्रेरित करने का सुझाव दिया। विधायक संजय शर्मा ने जनप्रतिनिधियों को पत्र लिख कर राज्यपाल राहत कोष में सहयोग करने के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया। बैठक में ऑनलाइन जुड़े केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यपाल राहत कोष को पुन: जीवन्त करने के लिए राज्यपाल मिश्र के प्रयासों की सराहना की।
सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को जोडऩे के लिए प्रयास किए जाने का सुझाव दिया। विधायक मदन दिलावर एवं दीप्ति किरण माहेश्वरी ने भी कोष के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में उपस्थित राज्यपाल राहत कोष सलाहकार समिति के सदस्य सुगालचंद जैन राहत कोष के लिए संग्रहण के साथ- साथ उपयोग की पूर्व योजना तैयार करने का सुझाव दिया ताकि अभाव एवं आपदाग्रस्त लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए पर्याप्त राशि एकत्र की जा सके।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने राज्यपाल राहत कोष की कार्यकलापों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में इस कोष में दो करोड़ 11 लाख रूपये से अधिक की राशि जमा है। उन्होंने कहा कि भामाशाहों के सहयोग से राज्यपाल राहत कोष को विस्तार देकर पुन: गतिशील करने में सफलता मिली है।
राज्यपाल राहत कोष में मिली सहायता राशि
परामर्श समिति के सदस्य सुखराज नाहर ने कोष में 11 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की। विधायक संजय शर्मा ने राहत कोष के लिए अपने एक माह के वेतन का चैक राज्यपाल मिश्र को सौंपा। बैठक में राज्यपाल राहत कोष परामर्श समिति के सदस्य मोफतराज मुणोत, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, आपदा प्रबन्धन एवं राहत विभाग के शासन सचिव पी. सी. किशन, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन उपस्थित रहे।
