जयपुर. राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को अपने घर में ही क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के चुनावों में करारी पराजय का सामना करने के बाद अब हाईकोर्ट से भी एक और बड़ा झटका लगा है। सहकारी समितियों के चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद भाजपा समर्थित बोर्ड की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने भी सहकारी समितियों के विवादित फैसलों पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। हाईकोर्ट में लगी याचिका में भाजपा ने प्रदेश के सहकारिता विभाग की क्रय-विक्रय सहकारी समिति के संचालक मंडल सदस्यों एवं पदाधिकारियों के चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली करने के संगीन आरोप लगाए है।
भाजपा का आरोप है की खुद सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना खुलेआम सत्ता का दुरुपयोग कर क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के चुनावों में नियम विरुद्ध तरीके से चुनावी प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं। पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा है कि चित्तौडग़ढ के निम्बाहेड़ा में कांग्रेस का बोर्ड नहीं बनता देख सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने सत्ता का दुरुपयोग किया और विभागीय एवं चुनाव अधिकारियों की ओर से मिलीभगत कर चुनाव प्रक्रिया का राजनीतिकरण कर जमकर धांधली की है।
2 समितियों के चुनाव जबरन निरस्त करवाने का आरोप
कृपलानी का आरोप है की 33 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में से 2 के चुनाव जबरन निरस्त करवाए गए हैं। जबकि फर्जी तरीके से 3 नई समितियों का गठन कर उन्हें अलोकतांत्रिक तरीके से मत का अधिकार दे दिया। श्रीचंद कृपलानी का आरोप है कि भाजपा समर्थित 8 समितियों के संचालकों को नियम विरुद्ध जा कर क्रय-विक्रय समिति से खरीदी नहीं करने देकर अयोग्य ठहराया है। यहीं नहीं इन आठ समितियों को वोट देने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया।
कांग्रेस मात्र 14 समितियों पर सिमट कर रह गई है
क्रय विक्रय सहकारी समितियों के चुनावों में हो रही धांधली के खिलाफ समितियों के अध्यक्षों ने हाईकोर्ट में मताधिकार से वंचित रखने के खिलाफ स्थगन आदेश के लिए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने भाजपा समर्थित समितियों के अध्यक्षों की याचिका को स्वीकार कर समितियों को मत देने का अधिकार देते हुए अग्रिम आदेश तक परिणाम पर रोक लगा दी। गौरतलब है की सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के गृह जिले में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चित्तौडग़ढ जिले की 33 क्रय विक्रय सहकारी समितियों के चुनावों में से 17 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है,जबकि कांग्रेस मात्र 14 समितियों पर सिमट गई।
