कोटा. राजस्थान का कोटा ब्लैक होल बनता जा रहा है, जहां कई छात्र सपने पूरा करने आते हैं और फिर कभी वापस नहीं लौटते। रविवार का दिन भी कोटा के लिए ऐसा ही रहा। जहां पर एक नहीं बल्कि, दो-दो छात्रों ने मौत को गले लगा लिया। ये घटना इतनी बड़ी है कि जिला कलेक्टर को सामने आकर ये आदेश देना पड़ा कि कोटा की कोई भी कोचिंग आने वाले दो माह तक कोई टेस्ट नहीं लेगी। इस बड़ी समस्या का फिलहाल ये इलाज निकाला है, लेकिन तब तक इसने दो और बच्चों की जिंदगियों को निगल लिया। रविवार की शुरुआत उस छात्र की मौत से हुई जो डॉक्टर बनने का सपना आंखों में लेकर कोटा पहुंचा था। जिस कोचिंग के जरिए वो अपना ये सपना साकार करने के इरादे रखता था, उसी की बिल्डिंग से छलांग लगाकर उसने मौत को गले लगा लिया।
छात्र की खुदकुशी से पूरे इलाके और कोचिंग सेंटर में हड़कंप मच गया। बताया गया कि रविवार को भारी संख्या में छात्र टेस्ट देने कोचिंग पहुंचे थे। जिस छात्र ने कोचिंग की बिल्डिंग की छत से कूद कर जान दी, वो महाराष्ट्र से कोटा पढऩे आया था और उसका नाम आविष्कार बताया जा रहा है। आविष्कार ने सुसाइड क्यों किया इसका खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन पुलिस पड़ताल में जुटी हुई है।
बिहार से सपने पूरे करने कोटा पहुंचा था आदर्श
अभी कोटा के गलियारों में आविष्कार की सुसाइड की खबरें भी नहीं पहुंची थीं कि एक और सुसाइड ने शहर को सन्न कर दिया। महाराष्ट्र से आए आविष्कार के बाद बिहार से कोटा पढऩे के लिए पहुंचे आदर्श ने भी मौत को गले लगा लिया। ये मामला कुन्हाड़ी थाने का बताया जा रहा है, जहां बिहार का रहने वाला आदर्श पढऩे और फिर अपने सपने साकार करने के लिए रहने गया था।
दो सुसाइड के बाद दो माह तक कोई टेस्ट नहीं, लगाई रोक
आदर्श ने फंदे से लटक कर सपनों और जिंदगी को खत्म कर दिया। कोटा में एक ही दिन में दो छात्रों ने सुसाइड की तो कोचिंग सेंटर्स की राजधानी का प्रशासन भी सकते में आ गया। आनन-फानन में कोटा के कलेक्टर की तरफ से आदेश आया कि तुरंत कोटा के सभी कोचिंग सेंटर्स में हो रहे टेस्ट पर रोक लगाई जाए। कोटा कलेक्टर ने ये आदेश भी दिया कि आने वाले दो माह तक कोटा में किसी भी कोचिंग सेंटर में टेस्ट कराने पर रोक रहेगी।
अब तक 20 छात्र कर चुके आत्महत्या
अभी साल पूरा भी नहीं हुआ है और कोटा में अब तक 20 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। इस सुसाइड प्रथा पर रोक लगाने के लिए हॉस्टल के मालिक कभी स्प्रिंग वाले पंखे लगाते हैं, तो कभी पंखों के इर्द-गिर्द जाल लगा देते हैं, लेकिन छात्रों की सुसाइड का ये आंकड़ा साल दर साल बढ रहा है। सरकार ने सुसाइड पर लगाम लगाने के लिए जो काउंसलिंग कमेटी बनाई थी, वो भी फेल होती दिखाई दे रही है।
