जयपुर. एक बार फिर कोरोना के आने की सूचना से लोगों में भय का माहौल बन रहा है। वहीं राजस्थान में कोरोना वैक्सीन का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में एक माह से कोविशील्ड और कई दिन से कोर्बोवेक्स का स्टाक खत्म हो चुका है। ऐसे में बच्चों को टीके नहीं लगा पा रहे। बची हुई वैक्सीन की पुरानी डोज से कहीं-कहीं इमरजेंसी में टीके की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में दोनों डोज अटक गई है। 15 दिन से केन्द्र सरकार की ओर से 10 लाख टीके नहीं भेज रहा है। जिससे राजस्थान को पेशानियों से जूझना पड़ रहा है। राजस्थान के स्वास्थ्य महकमे ने वैक्सीन को लेकर केन्द्र सरकार को डिमांड भेज रखी है। प्रदेश के ज्यादातर सीएमएचओ ने बताया कि टीका नहीं है। जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी, पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों पर वैक्सीनेशन लगभग बंद है।
कोरोना से कैसे लड़ेंगे, खत्म हो चुकी कोर्बोवेक्स-कोविशील्ड वैक्सीन
प्रदेश अधिकारियों के अनुसार इस समय पूरे राजस्थान में कहीं भी कोविशील्ड की डोज नहीं है। इसके लिए पहले ही केंद्र सरकार को 10 लाख डोज की डिमांड भेजी गई थी। सीएम अशोक गहलोत ने टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाने को कहा है, लेकिन वैक्सीन है ही नहीं। एक्सपट्र्स के अनुसार जनवरी मध्य तक स्थिति खराब हो सकती है। राजस्थान में वैक्सीन का संकट गहराया हुआ है। डिमांड पर केंद्र से कहा जा रहा है, आज कल में वैक्सीन भेजने के प्रयास जारी है। अधिकारियों के अनुसार सबसे अधिक रिस्क में बच्चे हैं। अभी बच्चों को दूसरी डोज लगाई जानी बाकी है। 12 से 14 साल के 29.87 लाख में से केवल 23.43 लाख बच्चों को पहली डोज और 14.96 लाख को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। बच्चों के लिए करीब 21 लाख डोज और चाहिए। केंद्र से जनवरी के लिए अभी 5 लाख डोज मांगी गई हैं।
15 नए रोगी मिले, टीकाकरण का औसत 1 टीका प्रतिदिन भी नहीं
प्रदेश में कोरोना के केस फिर बढऩे लगे हैं। नए साल के पहले दिन 1409 सैंपल से कोई पॉजिटिव नहीं मिला, लेकिन दूसरे ही दिन 7871 सैंपल लिए और 15 नए कोरोना संक्रमित मिले। रविवार को प्रदेश में सिर्फ 38 टीके लगे। सोमवार को 3829 और मंगलवार को 4162 टीके लगे। यह 33 जिलों में एक अस्पताल में औसत 1 टीका प्रतिदिन भी नहीं है।
