जयपुर/कोटा. राजस्थान में कोचिंग नगरी के नाम से विख्यात कोटा में तनाव में आकर विद्यार्थी लगातार मौत को गले लगा रहे हैं। इसको रोकना सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। बीते 24 जून से 18 अगस्त के बीच के 55 दिन के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोटा में आठ छात्रों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2023 में आत्महत्या करने का यह आंकड़ा 23 तक पहुंच चुका है। इन आत्महत्या करने वाले आंकड़ों में 12 नाबालिग विद्यार्थी भी शामिल हैं। कोटा में लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के प्रकरणों से यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बड़े सवाल सामने आ रहे हैं। क्या कोचिंग नगरी में पढऩे वाले बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य इतना संकट में घिर चुका है कि पढ़ाई के तनाव से घबराकर विद्यार्थी आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं? हालांकि इसे रोकने के लिए प्रशासन ने कुछ सराहनीय कदम भी उठाए हैं।
45 छात्रों के मन में आत्महत्या करने का आया विचार
कोचिंग सिटी कोटा में 55 दिन में 8 आत्महत्या की घटनाओं के बाद सबका दिल दहल गया। इस बीच कोटा में जिला प्रशासन की ओर से 22 जून को अभय कमांड सेंटर की विशेष सेल स्थापित की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकना है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया गया। इस दौरान अभय कमांड सेंटर की हेल्पलाइन से जो आंकड़े मिले है, उससे एक बार तो, आपका दिल भी कांप उठेगा। अभय कांड सेंटर में स्थापित हेल्पलाइन पर 45 छात्रों ने फोन से संपर्क किया। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके मन में आत्महत्या करने के विचार आ रहे हैं। इस दौरान हेल्पलाइन में उन छात्रों से काउंसलिंग कर उनके नेगेटिव विचारों से लडऩे के लिए उन्हें सशक्त रूप से तैयार किया।
क्या विद्यार्थियों का मानसिक स्तर इतना गिर चुका हैं ?
कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए अभय कमांड सेंटर की सेल स्थापित की गई। लेकिन यहां 45 छात्रों ने हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर संपर्क किया तो, अधिकारियों के होश उड़ गए। इन आंकड़ों से पता चला कि विद्यार्थियों में नेगेटिव सोच हावी हो रही है। जो बेहद ही चिंता का विषय बन गया है। हेल्पलाइन नंबर पर 45 छात्र विद्यार्थियों ने अपने नेगेटिव विचारों के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके मन में आत्महत्या करने के विचार आ रहे हैं। ऐसे में यह बड़ा चिंता का विषय है कि पढ़ाई में आगे बढऩे के चलते विद्यार्थी अपने आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को खोते जा रहे हैं। विद्यार्थी में जहां विपरीत परिस्थिति में डटकर लडऩे की भावना होनी चाहिए। वहां विद्यार्थी तनाव से डर कर जीवन से अपना पीछा छुड़ाने की सोच बनाते जा रहे हैं।
प्रशासन की ओर से किए सराहनीय प्रयास
कोचिंग नगरी कोटा में बीते 55 दिनों के दौरान आठ आत्महत्या की घटना ने लोगों को झकझोर दिया। इसको लेकर पुलिस और प्रशासन में भी जमकर हड़कंप मचा हैं। इस बीच प्रशासन की ओर से कुछ सराहनीय पहल भी की गई। जिसमें उन्होंने इस प्रवृत्ति को रोकने का प्रयास किया है। इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले कोचिंग स्टूडेंट के कमरों में पंखों में विशेष ग्रिल फिट की गई। जिसमें पंखे पर अधिक वजन होते ही पंखा नीचे गिर जाता है, यानी जो स्टूडेंट पंखे पर लटक कर आत्महत्या करना चाह रहे हैं। उनको रोकने के लिए यह कारगर कदम है। इसके अलावा छत से कूदने की घटनाओं को रोकने के लिए भी प्रशासन की ओर से हॉस्टलों के बाहर नेट (जाल) लगाने के प्रयास किए हैं। ताकि कोई स्टूडेंट छत से कूद कर आत्महत्या नहीं कर सके।
