मरुधरा के पश्चिमी हिस्से शेखावाटी में शामिल सीकर, झुंझुनू और चूरू जिले को जाट लैंड के नाम से पहचाना जाता है। इस जाट बहुल क्षेत्र में कभी कांग्रेस का मजबूत माना जाता रहा है। लेकिन 2013 में मोदी लहर के बीच हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस क्षेत्र में सेंध लगाने में कामयाब रही. लेकिन 2018 चुनाव में कांग्रेस फिर से अपने गढ़ पर काबिज हो गई। भाजपा को शेखावाटी की 21 में से सिर्फ तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। राजस्थान में तीन जिले ऐसे हैं जहां विधानसभा चुनाव में किसानों के साथ-साथ स्थानीय मुद्दे भी अपना प्रभाव दिखाते हैं यहां के वोटर्स मतदान करते समय केंद्रीय योजनाओं को ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रत्याशी को देखकर भी मतदान करते हैँ।
कांग्रेस ने 2013 की हार का लिया बदला, गढ़ बचाया
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की ऐसी आंधी चली, जिसमें भाजपा, माकपा का सूपड़ा साफ हो गया। सीकर में आठ सीटों में से सात में कांग्रेस जीती और एक निर्दलीय के खाते में चली गई। झुंझुनूं की सात सीटों में से छह कांग्रेस और एक भाजपा ने जीती। वहीं चूरू की छह सीटों में से चार पर कांग्रेस विजयी रही, जबकि भाजपा दो ही सीटे जीतने में कामयाब हो पाई। यानी शेखावाटी की कुल 21 सीटों में से तीन भाजपा जीत पाई। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी शेखावाटी में एक भी सीट नहीं जीत पाई है।
दो साल में हुए दोनों उप चुनावों में कांग्रेस का परचम
इन तीन जिलों की 21 सीटों में दो साल में हुए दोनों उप चुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस को जिताया। अप्रैल-2021 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने सुजानगढ़ सीट जीती। सुजानगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार मेघवाल ने भाजपा पराजित किया। मनोज कुमार मेघवाल पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के पुत्र हैं। इसी तरह पिछले साल हुए सरदारशहर विधानसभा के उप चुनाव में भी कांग्रेस जीती। कांग्रेस प्रत्याशी अनिल शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार पींचा को 26 हजार 852 वोटों से हराया।
निर्दलीय व अन्य दलों को भी जिताते हैं मतदाता
राजस्थान में जहां ज्यादातर कांग्रेस-भाजपा को ही वोट दिया जाता है। वहीं शेखावाटी में इसके साथ सीपीएम, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार भी वोट काटते हैं। अगर पिछले चार विधानसभा चुनावों पर गौर करें तो शेखावाटी की 25 प्रतिशत से अधिक सीटें अन्य पार्टियों की झोली में ही रही है। साल 2003 में 20 सीटों में से 4, 2008 में 21 में से 4 और साल 2013 में 21 में से 5 सीटें अन्य पार्टियों को मिल पाई थी। पिछले चुनाव में जरूर कांग्रेस की लहर रही और 21 में से सिर्फ तीन सीटें भाजपा के खाते में आई है।
शेखावाटी ने दिए राष्ट्रपति-उप राष्ट्रपति और बिजनेसमैन
शेखावाटी क्षेत्र ने देश को राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, सैन्य अधिकारियों समेत बिजनेस जगत की हस्तियां भी दी हैं.देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म झुंझूनूं के एक छोटे से गांव किठाना में हुआ था. इसके अलावा पूर्व उप-राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत यहां के थे और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल यहां की बहू हैं। वहीं बजाज परिवार, बिरला परिवार और गोयनका भी शेखावाटी के हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, डा. चंद्रभान, राम नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी, गहलोत सरकार में मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, डा. महेश चंद्र शर्मा, राजेन्द्र पारीक, परसराम मोरदिया, और ब्रजेंद्र ओला आदि प्रमुख दलों के नेता भी यहींं से हैं।