जयपुर. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा लगातार राजस्थान कांग्रेस में सामजस्य बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं। अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट को लेकर चल रही राजनीति के बीच उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बड़ा मैसेज देने की कोशिश की है। रंधावा ने कहा कि वे पुरानी बातों पर नहीं जाना चाहते, क्योंकि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि कोरोना से पहले भी बगावत हुई थी, उसका क्या हुआ। रंधावा ने कहा कि उनका मानना है कि हमें पास्ट को छोड़कर फ्यूचर पर ध्यान देना चाहिए। जो पास्ट में हुआ, उससे सबक लेना चाहिए ताकि आइंदा ऐसी गलती न हो सके। रंधावा ने कहा कि अगर पुरानी बातों पर चर्चा करते रहे तो हम किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाएंगे।
पायलट के इस बयान का रंधावा का पलटवार
सचिन पायलट ने रविवार 23 अप्रैल को मीडिया से बात में कहा था कि 25 सितंबर को कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेशों की खुली अवहेलना की गई थी। उस दौरान ऑब्जर्वर बनकर आए मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन की बेइज्जती की गई थी। 7 माह बीत गए लेकिन आलाकमान की बगावत करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रभारी को इन सब बातों की रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजनी चाहिए थी। पायलट की ओर से रंधावा के कामकाम पर सवाल उठाए जाने पर रंधावा शनिवार को इसका जबाव दिया है।
मंत्री मंडल फेरबदल की संभावनाओं से इनकार
पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही है कि मंत्री मंडल में जल्द ही फेरबदल होने वाला है। प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने मंत्रीमंडल फेरबदल की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बारे में पार्टी ने कोई विचार नहीं किया है। निर्दलीय विधायकों को ज्यादा तव्वजो देने और पार्टी के नेताओं की अनदेखी के सवाल पर रंधावा ने कहा कि हारे हुए कांग्रेसी नेताओं के साथ अलग से बैठक की जाएगी। सभी प्रत्याशियों से वन टू वन बात करके आगामी चुनावों में सबको एकजुट किया जाएगा।
