दिल्ली. दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने मंगलवार से एक नई पहल शुरू की। दिल्ली सरकार ने रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी की सुपरसाइट और एयर क्वालिटी मोनिटरिंग मोबाइल वैन लांच की है। ये सुपरसाइट दिल्ली के राउज एवेन्यू के सर्वोदय बाल विद्यालय में तैयार की है। रियल -टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी के माध्यम से दिल्ली में किसी भी जगह पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारणों की पहचान करने में मदद मिलेगी। ये परियोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, एयर शेड और टेरी के सहयोग से शुरू की गई है। दिल्ली वायु प्रदूषण का रियल टाइम पर प्रदूषण के स्रोत की पहचान करने वाला देश का पहला शहर बनेगा।
रियल-टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट परियोजना दिल्ली में किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारणो की पहचान करने में सहायता मिलेगी। साथ ही ये वाहन, धूल, बायोमास जलने, पराली जलाने और इंडस्ट्रियल जैसे अलग-अलग प्रदूषण स्रोतों के वास्तविक समय के असर को समझने में भी मदद करेगा। आम लोग भी www.raasman.com पर जाकर प्रदूषण के रियल टाइम सोर्स की जानकारी ले सकते हैं।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल बोले…
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस वैन की शुरुआत करते हुए कहा कि रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी हर घंटे हमें बताएगा कि किस वक्त दिल्ली की हवा में किस वजह से कितना प्रदूषण है। जिसके बाद हम उसे रोकने का कदम उठा सकेंगे। जैसे एक वार्ड के अंदर धूल की वजह से प्रदूषण ज्यादा है, तो पता किया जाएगा कि वहां किस वजह से धूल उड़ रही है। इसके बाद धूल को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी। इसी तरह किसी वार्ड के अंदर इडस्ट्रीयल उत्सर्जन ज्यादा है, उसको ठीक करने की कोशिश की जाएगी। इस तरह हम छोटे स्तर पर जाकर कदम उठा सकते हैं। इससे ये पता चल सकेगा कि दिल्ली में दिल्ली के अंदर का प्रदूषण कितना है और बाहर का कितना प्रदूषण है।
दिल्ली में कहां से फैल रहा प्रदूषण
स्टडी के अनुसार दिल्ली में एक तिहाई प्रदूषण बाहर का है। सर्दियों के मौसम में दिल्ली में काफी लोग आग जलाते हैं। दिल्ली में बायोमास बर्निंग से लगभग एक चौथाई प्रदूषण होता है। ठंड के मौसम में तामपान कम होता है, इसलिए सारा धुंआ दिल्ली के उपर गैस चैंबर के रूप बन कर रह जाता है। वाहनों का प्रदूषण भी 17 से 18 प्रतिशत है।