जयपुर. राजस्थान रोडवेज अब पूरी तरह से डिजिटल होने की ओर अग्रसर है। राजस्थान रोडवेज की सभी बसों में अब क्यूआर कोड का इस्तेमाल होने लगा है। यदि यात्री की जेब में पैसा नहीं है तो व क्यूआर कोड स्कैन कर टिकट का भुगतान कर सकता है। रोडवेज का डिजिटलाइजेशन यात्रियों को भी पसंद आने लगा है। वहीं इससे रोडवेज को भी कैश की चोरी रोकने में मदद मिल रही है। इससे रोडवेज प्रशासन उत्साहित है। रोडवेज में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पहले से ही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल भारत का सपना देखा था। अब वो सपना पूरे भारत में धीरे-धीरे यथार्थ में बदलने लगा है। अब शायद ही कोई ऐसी जगह होगी जहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा ना हो। इसी कड़ी में राजस्थान रोडवेज की सभी बसों में कंडक्टर स्कैन मशीन लेकर चल रहे हैं। इसी मशीन से टिकट भी मिलती है और इससे क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट भी आसानी से किया जा सकता है। पेमेंट के इस मोड को शहरी यात्री बेहद पंसद कर रहे हैं जबकि ग्रामीण यात्री अभी कैश से ही टिकट खरीद रहे हैं।
राजस्व बढऩे के आसार
राजस्थान रोडवेज के एमडी नथमल डिडेल के अनुसार हालांकि इसे लागू किए 4 माह से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन इसका अब रेस्पॉस मिलने लगा है। छात्रों के लिए ये सुविधा फायदेमंद साबित हो रही है। इसके अलावा नौकरीपेशा लोग इस तरह पेमेंट करने में काफी राहत महसूस कर रहे हैं। रोडवेज में कैश की जो चोरियां होती थी उनमें कमी आनी शुरू हो गई है। ऐसे में रोडवेज के राजस्व में बढोतरी के आसार हैं।
इन बसों में भी ये सुविधा
दरअसल अब डिजिटल पेमेंट समय की जरूरत बन गया है। यात्री को अगर भागकर बस पकडऩी हो और उसकी जेब में कैश ना तो भी चिंता की बात नहीं है। वो चलती बस में फोन से पेमेंट कर सकता है। राजस्थान रोडवेज का ये नवाचार अब दूसरी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को भी प्रेरित कर रहा है। साधारण श्रेणी की बसों से लेकर ब्लू लाइन और सुपर लग्जरी जैसी बसों में ये सुविधा अब उपलब्ध है।