चूरू. जैसे-जैसे वक्त बदला सरकारी स्कूलों की तस्वीर में भी बदलाव आने लगा है। निजी स्कूलों से बेहतर अब सरकारी स्कूल भी नजर आने लगे हैं। वे भी अब निजी स्कूलों को चुनौती दे रहे हैं। चूरू जिले के सरदारशहर कस्बे में स्थित एक ऐसा सरकारी विद्यालय है। जहां के प्रधानाचार्य याकूब खान की टीम ने नामांकन तो बढ़ाया ही साथ ही विद्यालय की सूरत और सीरत में भी बदलाव कर दिया।
ये है राजकीय अंजुमन उच्च माध्यमिक विद्यालय। जो अल्पसंख्यक मौहल्ले में स्थित है। प्रधानाचार्य की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि तीन वर्ष पहले इस विद्यालय में महज 150 छात्राओं का नामांकन था। अब ये नामांकन 634 के पार पहुंच गया है। वर्तमान में विद्यालय में 14 सौ से अधिक नामांकन है। जो इस विद्यालय के संघर्ष की कहानी बयां करता है। तत्कालीन वित्त मंत्री चंदनमल बैद ने इस विद्यालय की 1983 में स्थापना की थी। तब यहां आस-पास जंगल और माटी के टीले ही नजर आते थे। विद्यालय के आस-पास रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले लोग निवासरत थे। शुरू में इस विद्यालय को काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन वर्तमान में विद्यालय ने नए आयाम स्थापित किए हैं।
नवाचारों ने बदली फिजां
प्रधानाचार्य याकूब खान ने बताया कि इस विद्यालय के आसपास रहने वाले अधिकांश लोग मजदूर वर्ग के हैं। यहां पर शिक्षा का बेहद अभाव था। इन्हें विद्यालय से जोडऩे के लिए कई नवाचार किए, जिनमें सबसे बड़ा नवाचार था मेरा सपना अंजुमन मेरा विद्यालय ने इस थीम से कार्यक्रम शुरू किया। इस विद्यालय को हम अपना समझे घर-घर जाकर अभिभावकों को हमने समझाया तब जाकर यह बदलाव संभव हो सका है। यहां की छात्राओं का आत्मविश्वास भी गजब का है। विद्यालय विकास में भामाशाहों ने भी बड़ा सहयोग दिया है।