कोटा. राजस्थान के अजमेर में दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभा आयोजित की गई। इसमें मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी तवज्जो दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वसुंधरा की मौजूदगी और मंच पर लगे पोस्टर में राजे की तस्वीर से राजे खेमे में काफी उत्साह है। ऐसे में राजे खेमा वसुंधरा को तीसरी बार मुख्यमंत्री का चेहरा मानने लगा है। इसी बीच वसुंधरा राजे 2 जुलाई को हाड़ौती के कोटा में अपनी ताकत दिखाने जा रही हैं। कोटा में इस दिन महारैली का आयोजन किया जाएगा। इसका नेतृत्व मंत्री वसुंधरा राजे करेंगी। महारैली की घोषणा भाजपा नेता पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने की है। उन्होंने कहा कि इस महारैली से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया जाएगा। महारैली को लेकर पूर्व विधायक पहलाद गुंजल कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रहे हैं।
कुर्सी की लड़ाई में निकल गए चार साल-गुंजल
गुंजल ने कहा कि राजस्थान की जनता प्रदेश सरकार की घोषणाओं और अराजकताओं से परेशान हो चुकी है। सरकार एक दिन घोषणा करती है कि 100 यूनिट बिजली फ्री देंगे। दूसरे दिन फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया जाता है। प्रदेश के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता का झांसा देकर और युवाओं को रोजगार का वादा करके बनने वाली सरकार से समाज का प्रत्येक तबका त्रस्त है। सरकार के साढ़े चार साल आपस की कुर्सी की लड़ाई में निकल गए।
राजस्थान सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होगी रैली
पूर्व विधायक गुंजल ने कार्यकर्ताओं को कहा कि कोटा सहित पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सड़क पर लड़ाई लडऩे का आह्वान करते हुए कहा कि 2 जुलाई को होने वाला प्रदर्शन राजस्थान सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होगा। 2 जुलाई का प्रदर्शन सरकार के खिलाफ पिछले साढ़े 4 साल में प्रदर्शनों से विशालतम करने का प्रयास करने के लिए कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। गुंजल ने कहा कि प्रदेश की सरकार पिछले साढ़े 4 साल में एक भी परीक्षा सफलतापूर्वक नहीं करा सकी है। ये युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उसे लगता नहीं कि उसकी मेहनत का परिणाम उसे मिलेगा।
भ्रष्टाचार, सरकार का शिष्टाचार बना
गुंजल ने कहा कि सचिवालय गुंमें पैसा मिलना, जहां योजना आयोग के मंत्री मुख्यमंत्री खुद हैं । ऐसा लगता है कि यह भ्रष्टाचार सरकार का शिष्टाचार बन गया है। 50त्न कमीशन कोटा यूआईटी के कामों में आम बात है। गुंजल ने कहा चुनावी घोषणा पत्र में बिजली के बिल नहीं बढ़ाने का वादा करके 6 बार बिजली बिलों में राशि बढ़ाना। अब राहत शिविरों के नाम पर एक बार फिर जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास यह सरकार कर रही है। इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विशाल महारैली का आयोजन 2 जुलाई को होगा। उन्होंने कहा कि महारैली में आने की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं की स्वीकृति हमें मिल गई है।
