जयपुर. इन दिनों प्रदेश की सियासत में बयानों का भूचाल आया हुआ है। ये जुबानी जंग सूबे की सबसे बड़ी पंचायत के मुखिया व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व केन्द्र सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच छिड़ी हुई है। केंद्रीय मंत्री शेखावत के हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान की राजनीति का रावण कहा था। इस बयान के बाद तो सियासी घमासान मचा हुआ है। गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत भी अब पलटवार करन से नहीं चूक रहे हैं। वे इन दिनों प्रदेश के दौरे पर हैं और राहत कैंप में आयोजित सभाओं में शेखावत के बयान पर पलटवार करने से नहीं चूक रहे। उन्होंने बयानों में संकेत दिए हैं कि केंद्रीय मंत्री शेखावत जल्द ही संजीवनी घोटाला मामले में जेल जा सकते हैं। गहलोत ने ये बात कहकर सियासी हलचल को और तेज कर दिया है।
सीएम बोले: गजेंद्र सिंह के दोस्त जेल में बैठे है, किसान रो रहा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह के दोस्त जेल में बैठे हैं। वो भी कभी भी जेल जा सकते हैं। शेखावत और अन्य भाजपा नेता अब मुझे गाली दे रहे। वह कह रहे हैं कि अशोक गहलोत रावण की तरह है। लेकिन भाई गजेंद्र सिंह शेखावत, आपने पैसे लूटे, आपके दोस्त जेल में हैं। आप कभी भी जेल जा सकते हैं, ऐसी स्थिति है। गहलोत ने यह भी कहा कि शेखावत कहते हैं कि वह आरोपी नहीं हैं। जब आप आरोपी नहीं हैं तो आप जमानत के लिए हाईकोर्ट क्यों गए?
संजीवनी घोटाले के पीडि़तों को पैसा लौटाएंगे तो मैं आपको राम कहूंगा
सीएम गहलोत ने आगे ये भी कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत को या तो नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, या फिर प्रधानमंत्री को ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। आप अपनी संपत्ति बेचकर संजीवनी घोटाले के पीडि़तों को पैसा लौटाएंगे तो मैं आपको राम कहूंगा। भाजपा मुझ पर चाहे जितने पत्थर फेंके, मैं उनका इस्तेमाल स्कूल और अस्पताल बनाने में करूंगा, यह मेरी सोच है।
क्या कहा था गजेंद्र सिंह शेखावत ने
आपको बता दें कि जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने गुरुवार को चित्तौडगढ़़ में एक रैली के दौरान गहलोत और राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा था, अगर आप राजस्थान की राजनीति के रावण अशोक गहलोत के शासन को खत्म करना चाहते हैं, तो हाथ उठाएं। राजस्थान में ‘राम राज्यÓ की स्थापना के लिए संकल्प लें।
