कोलकाता से काशी पहुंचे क्रूज गंगा विलास को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी की सुबह दस बजे वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ये क्रूज काशी के रविदास घाट से डिब्रूगढ़ (आसाम) रवाना होगा। पर्यटकों की सहूलियत के लिए इसमें एक जर्मन भाषी गाइड भी मौजूद रहेगा। पांच प्रदेशों व बांग्लादेश से होकर दुनिया का सबसे लंबा क्रूज गुजरेगा। मेड इन इंडियन क्रूज में जो सुविधाएं पर्यटकों को मिलेंगी वह किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है। स्विमिंग पूल से लेकर जिम तक की सुविधा इसमें उपलब्ध है।
Cruise Ganga Vilas
13 जनवरी को रवानगी के बाद ये क्रूज का पहला पड़ाव गाजीपुर होगा। जहां पर्यटक भ्रमण करेंगे। इसके आगे बक्सर, बलिया (सम्भावित), चिरांद (सारण), पटना, सिमरिया (बेगूसराय), मुंगेर, नालंदा, साहबगंज (झारखंड), फरक्का (पश्चिम बंगाल), बांग्लादेश होकर डिब्रूगढ़ (आसाम) में पहुंचेगा। इस दौरान पर्यटकों को ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण भी करवाया जाएगा।

गंगा विलास लग्जरी क्रूज वाराणसी पहुंच चुका है। देश में पहली बार रिवर टूरिज्म के एक नए युग की शुरुआत हो रही है। यह नया युग न सिर्फ भारत के नए रिवर टूरिज्म की विकास की नई गाथा लिखेगा, बल्कि देश दुनिया के सैलानियों को भारत का एक नया मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।
गंगा विलास लग्जरी क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदियों के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचेगा। इस लंबे सफर में एमवी गंगा विलास क्रूज पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 पर्यटक स्थलों से होकर गुजरेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की सबसे लम्बी रिवर यात्रा के टाइम टेबल का वाराणसी में उद्घाटन किया था। 5/ 8 ये क्रूज सोमवार को चंदौली के धानापुर से दोपहर में निकला था और वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया था। इसके बाद ये क्रूज रामनगर बंदरगाह पहुंच चुका है। यहां पर पर्यटकों के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। क्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवरशिप है, जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी। ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी। यह सफर 50 दिन का होगा।यह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी।
7/ 8 यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजऱेगा। जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल है। ये क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदियां पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से आसाम में प्रवेश करेगा।
8/ 8 यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की सुविधाएं होंगी। गंगा विलास क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं। साथ में एक 40 सीटर रेस्टोरेंट, स्पा रूम और 3 सनडेक हैं। साथ में म्यूजिक की भी व्यवस्था की र्ग है।
गंगा विलास लग्जरी क्रूज वाराणसी पहुंच चुका है। देश में पहली बार रिवर टूरिज्म के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। यह नया युग न सिर्फ भारत के नए रिवर टूरिज्म की विकास की नई गाथा को लिखेगा,बल्कि देश दुनिया के सैलानियों को भारत का एक नया मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।
