सीकर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षा राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। आज के युवा भारत के भविष्य के निर्माता हैं। प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे, यह राज्य सरकार का ध्येय है। प्रदेश में शिक्षा में किए नवाचार के कारण राजस्थान शिक्षा में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। सीएम गहलोत सीकर में अध्ययनरत कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच एक पीढी से दूसरी पीढ़ी में अनुभव साझा करने का उपयुक्त माध्यम है। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी क्षेत्रों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा रहे हैं। इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नि:शुल्क प्राप्त हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय भाषा होने के कारण अंग्रेजी का अपना महत्व है। शिक्षा का स्तर बेहतरीन होने के कारण आवेदन अधिक आ रहे हैं। अब तक राज्य में 2000 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा चुके हैं।
प्रदेश में बड़े शिक्षण संस्थान स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के चहुंमुखी विकास के लिए संकल्पित है। बेहतर शिक्षा के लिए हरसम्भव प्रयास और नवाचार किए जा रहे हैं। प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एम्स, ट्रिपल आईटी, निफ्ट, एनआईए, आरयूएचएस, लॉ, एग्रीकल्चर, स्पोट्र्स एवं पुलिस यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित हो चुके हैं। साथ ही अब प्रदेश में विश्वविद्यालयों की संख्या 92 हो गई है। पिछले चार वर्षों में ही 303 नए महाविद्यालय खोले जा चुके हैं। इनमें 130 गल्र्स कॉलेज भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में 500 विद्यार्थियों को विदेश में नि:शुल्क शिक्षा जैसे नवाचारों से राज्य में शिक्षा का स्वरूप बदल गया है।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना ने जगाया विश्वास
सीएम ने कहा कि प्रदेश के 30 हजार मेधावी विद्यार्थियों को राज्य सरकार की ओर से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में सभी विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करने तथा गरीब परिवार के विद्यार्थी को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उत्कृष्ट कोचिंग सुविधा उपलबध कराने की सोच के साथ यह योजना शुरू की गई है।
