जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा का विकल्प खड़ा करने की तैयारी में जुट गए हैं। बेनीवाल ने समान विचारधारा रखने वाले दलों के नेताओं से लगातार बैठकें कर गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इस राजनीतिक उठापटक के बीच नागौर सांसद बेनीवाल ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने सचिन पायलट और डॉक्टर किरोड़ीलाल मीना से इस प्रस्तावित गठबंधन का हिस्सा बनने की अपील की है। बेनीवाल ने कहा कि किरोड़ी और पायलट आरएलपी का दामन थाम लें तो उनका स्वागत है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वे ऐसा न कर अपनी पार्टियों को छोड़ अलग से पार्टी बनाकर आरएलपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो भारी बहुमत से तीनों मिलकर सरकार बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके फॉर्मूले पर अमल किया तो वह विधानसभा की 140 सीटें जीत सकते हैं।
बेनीवाल ने कहा कि मैं गठबंधन धर्म निभाने को तैयार हूं। फैसला किरोड़ीलाल मीना और सचिन पायलट को करना है। आरएलपी में आएं तो भी स्वागत है और न आएं तो कोई बात नहीं है। अलग पार्टी बनाकर गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। बेनीवाल का दावा है कि यदि सचिन पायलट और किरोड़ी लाल मीना का साथ मिलता है तो वह 140 सीटों पर फतह हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही हनुमान बेनीवाल गैर कांग्रेस और गैर भाजपा मोर्चा बनाने की की कवायद में भी हैं।
बेनीवाल ने दी सचिन पायलट को सलाह
हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को एक सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अब यदि पार्टी मुख्यमंत्री भी बनाए तो वह कुर्सी न संभालें। बेनीवाल ने कहा कि गहलोत गुट उन्हें चैन से नहीं रहने देगा। वह (पायलट) सरकार नहीं चला सकेंगे। बेनीवाल ने कहा कि 60 से ज्यादा एमएलए अशोक गहलोत के पास हैं। बेनीवाल ने आगे कहा कि सीएम बनकर भी सचिन पायलट राजस्थान को अब सुधार नहीं सकते हैं। पायलट को खुलकर अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देना चाहिए। अब आखिर वह किसका इंतजार कर रहे हैं? बेनीवाल ने कहा कि 6 महीने बाद तो प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगी। वैसे ही अफसरों ने कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों का सुनना बंद कर दिया है।
हनुमान बेनीवाल के आर का मतलब
हनुमान बेनीवाल पर पूर्व मंत्री और बायतू विधायक हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी होने के आरोप लगाए थे। हरीश ने कहा था कि आरएलपी को सीएम गहलोत पनपा रहे हैं। बेनीवाल इन दिनों भाजपा पर कम और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ज्यादा हमलावर नजर आ रहे हैं। सीएमओ के अफसरों से लेकर मंत्रियों तक पर आरोपों की बौछार कर सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। पायलट की जब सीएम बनने की ख्वाहिश पूरी नहीं हुई तो भी वह जनता के बीच जा रहे हैं। उनके समर्थक शक्ति प्रदर्शन कर पायलट को जननेता बनाने की मुहिम में जुटकर उन्हें प्रदेश का भावी सीएम बनने के ख्वाब संजो रहे हैं। हरीश चौधरी ने कहा कि डॉक्टर किरोड़ी भले ही राज्यसभा सदस्य हैं, मगर उनकी केंद्र सरकार में मंत्री बनने की ख्वाहिश अब तक अधूरी है। वह गाहे बगाहे अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल देते हैं। ऐसे में हनुमान बेनीवाल को लगता है कि तीनों नेता अगर एकजुट हुए तो वो सत्ता पर कब्जा जमा सकते हैं।
