नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अनुच्छेद-370 को लेकर अहम बयान देते हुए कहा कि यह मूल संविधान के इंडेक्स में अस्थायी हिस्सा था, तो ऐसे में यह हमेशा के लिए कैसा बना रह सकता है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 नहीं रहना चाहिए यह पूरा देश चाहता है, इसकी चर्चा संसद से गायब है, मूल संविधान का इंडेक्स पढ़ें, तो लिखा था कि ये अस्थायी है, तो अस्थायी व्यवस्था कैसे संविधान का हिस्सा हो सकती है। विधिक मसौदा तैयार करने संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग (विधिक मसौदा) का प्रोसीजर शुरू हुआ है, ये बहुत अच्छी बात है। बहुत महत्वपूर्ण चीज है। लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग का स्किल अच्छा होना चाहिए, समय के मुताबिक बदलते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया में हमारे देश का लोकतंत्र सबसे बड़ा है, लोकतंत्र का जन्म महाभारत काल से हुआ, कृष्ण जी का राज्य, फिर मगध का शासन आया। सब जगह लोकतंत्र था। भारत का संविधान दुनिया का सबसे परिपूर्ण संविधान है। हालांकि, ओवरलैपिंग हो रहा है, लेकिन हमारे देश में संविधान के सारे पिलर बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं, संविधान ने सारे पिलर की व्याख्या की है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पोलिटिकल विल यानि लोगों के समस्या के रास्ते को, जो इच्छा संसद की है उसको जाहिर करने का काम विधायी मसौदा तैयार करने वालों का है। अगर ड्राफ्टिंग अच्छी है, तो बिंदुओं की व्याख्या अच्छी होती है। विधान मंडल और कैबिनेट के मूल को विधिक मसौदा के जरिए बेहतर तरीके से उतारा जाता है।
उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट और लोगों की इच्छा को कानूनी रूप देने में कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है। संविधान की आत्मा को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विधायी मसौदा तैयार करने वालों पर है। इन्हें अध्ययन भी करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं देश के लोकतंत्र को तभी समझ सका, जब मैंने संविधान सभा की चर्चा को पढ़ा।
