चूरू. युवाओं में अपराधियों के प्रति आकर्षण इस कदर बढ़ता जा रहा है कि वे अपना पूरा जीवन दलदल में फंसाने लगे हैं। वर्चस्व स्थापित करने की होड़ में ये युवा गैंगस्टरों का सहारा ले रहे है। ये सहारा भी इनकी ओर से सोशल मीडिया पर लिया जा रहा है जो बेहद ही चिंता का विषय है। सोशल मीडिया के हालात तो ऐसे हैं कि मारपीट से लेकर फायरिंग किए जाने तक के वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। बड़े गैंगस्टरों को देखकर ये युवा अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं। बदमाशों की ओर से अलग-अलग नामों से वाटसऐप ग्रुप भी बनाए गए हैं। जिन पर बदमाश भी दशहत फैलाने के लिए वारदात के फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं। ऐसे में युवा इनको अपना आदर्श मानने लग जाते हैं। परिणाम ये निकलता है कि यही युवा अपराध की दुनिया में पिसता चला जाता है। हॉल ही में कई मौके ऐसे आए हैं, जहां पर हत्या, फायरिंग जैसी घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर बदमाशों का महिमा मंडन जोर-शोर से किया गया। बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस की और से ऑपरेशन क्लिन के तहत साइबर पेट्रोलिंग शुरू की गई है। चूरू पुलिस ने भी प्रोपर मॉनिटरिंग करके जिले के 1500 युवाओं को अपराध जगत मे जाने से बचाया है।
पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया कि पुलिस की ओर से साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर क्लिन अभियान शुरू किया। जिसमें पहले चरण में पुलिस मित्र बनाए गए। जिससे अपराधों के नियंत्रण में पुलिस को काफी मदद मिली। दूसरे चरण में सोशल मीडिया पर भड़काऊ व हथियारों के साथ पोस्ट डालने वालों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की गई। साइबर पेट्रोलिंग के दौरान पाया कि जिले में करीब 1500 युवा ऐसे है जो कि अपराधियों के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर उनसे जुडे हुए थे। इन सभी युवाओं को चिन्हित किया। साइबर टीम की मदद से ऐसे युवाओं को अभिभावकों के साथ बुलाकर थाना स्तर पर समझाईश कर उन्हें अपराध के दलदल में जाने से रोका।
डोजियर भी हो रही है तैयार
पुलिस की ओर से साइबर क्राइम से निपटने के लिए बदमाशों की डोजियर तैयार की जा रही है। अक्सर बदमाश जेल में बैठे रंगदारी कर रहे हैं। इन पर लगाम कसने के लिए अपराधियों की डोजियर तैयार की जा रही है। डोजियर में निर्धारित प्रारूप पर उसके जीवन से जुड़ी हर जानकारी अंकित की जाएगी। उसके फिंगर प्रिंट, आइडी का प्रकार, रंग-रूप, रिश्तेदारों व आस-पड़ोसियों के नाम आदि जानकारी डोजियर में संकलित की जाएगी। यह भी पता किया जाएगा कि इसमें बदमाश को किस व्यक्ति की ओर से आर्थिक मदद सहित हथियार व वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसी वारदात के होने पर बदमाश की कुंडली सामने होने पर लगाम लगाया जाना संभव हो सकेगा।
