नई दिल्ली. भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखता है. रेलवे यात्रियों के हर वर्ग के हिसाब से सर्विस देता है। किसी को अचानक कहीं जानें की जरुरत पड़ जाए तो उसके लिए रेलवे तत्काल टिकट बुक करने की सुविधा देता है। तत्काल में ज्यादातर टाइम आपको कंफर्म टिकट मिलता है, लेकिन त्यौहारों व शादियों के चलते कई बार ऐसा होता है तत्काल में भी यात्री को वेटिंग टिकट मिल जाती है। अगर ये वेटिंग टिकट कंफर्म न हो तो क्या पैसा वापस मिलता है? या फिर इस पर कितना चार्ज कटता है। इसके बारे में आप भी जानें।
तत्काल में वेटिंग टिकट को लेकर अलग नियम बनाया हुआ हैं। इन नियमों को जानना हर यात्री के लिए बेहद जरुरी है। लोगों के मन में तत्काल की वेटिंग को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। जिसमें एक सवाल अहम होता है कि आखिर तत्काल में टिकट कंफर्म नहीं होती है तो क्या पैसे वापस मिलेंगे। साथ ही ये भी जानते हैं कि अगर पैसे कटते हैं तो रेलवे की ओर से कितना चार्ज लिया जाता है?
क्या है तत्काल वेटिंग टिकट का नियम
तत्काल टिकट एक दिन पहले बुक की जाती है और अगर कुछ देरी की वजह से वेटिंग टिकट बुक हो जाती है। इस टिकट पर यात्री यात्रा नहीं कर सकते। तत्काल वेटिंग टिकट होने पर रेलवे की ओर से इस टिकट को ऑटोमेटिक कैंसिल कर दिया जाता है।
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कैंसिल होने पर क्या पैसा मिलता है वापस
रेलवे की ओर से तत्काल वेटिंग टिकट को कंफर्म न होने पर कैंसिल कर दिया जाता है। टिकट कैंसिल होने पर 3 से 4 दिन में पैसा रिफंड कर दिया जाता है। हालांकि, रेलवे इसके बदले बुकिंग चार्ज लेता है। अगर आपकी टिकट कंफर्म नहीं होती है तो भी रेलवे की ओर से बुकिंग चार्ज लिया जाता है।
कितना कटता है पैसा
टिकट कैंसिल होने पर रेलवे की ओर से 10 प्रतिशत के आसपास पैसे काटे जाते हैं। हालांकि, ये ट्रेन और उसकी क्लास पर निर्भर करता है। आम तौर पर एक एसी क्लास की टिकट के रिफंड पर 100-150 रुपये रेलवे की ओर से चार्ज के रुप में काट लिए जाते हैं और बाकी पैसे खाते में फिर से ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
