नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स में 8 साल बाद बड़ी राहत दी है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि यह सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। 2019-20 में 8 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स या कॉरपोरेट टैक्स भरा था। बजट में नए स्टार्टअप को टैक्स में 3 साल तक मिलने वाली छूट बरकरार रखी गई है। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।
बजट स्पीच अपडेट्स…
28 माह तक तक गरीबों को मुफ्त अनाज: कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 माह तक मुफ्त राशन दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया है।
प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई: 2014 से सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हुइ है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7 प्रतिशत रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है।
डिजिटल पुस्तकालय: बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की 7 प्रमुख प्राथमिकताएं गिनाईं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की 7 प्रमुख प्राथमिकताएं- समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र गिनाईं.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की प्रस्तुति के दौरान कहा, ‘पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल के लिए हमारे विजन में प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित मजबूत सार्वजनिक वित्त और एक मजबूत वित्तीय अर्थव्यवस्था शामिल है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबका साथ, सबका प्रयास के माध्यम से जनभागीदारी आवश्यक है।