जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस में इन दिनों बयानों का सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। मानेसर फ्लैशबैक का असर अब तक राजस्थान में कांग्रेस पर मंडराया हुआ है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जुबानी जंग थमती नहीं दिख रही। इसी बीच राजस्थान के सीएम ने पायलट पर करारा अटैक किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति ईमानदार होना बहुत जरूरी है। जो लोग पार्टी के प्रति वफादार नहीं होते वे कभी कामयाब भी नहीं होते। अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने हमेशा सभी का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर चलने का काम किया। यही कारण रहा कि पार्टी और सोनिया गांधी ने उन्हें काम करने का बार-बार मौका दिया। यह लोकतंत्र है, हमें सभी को साथ लेकर चलना होता है।
शांति धारीवाल मेरे खिलाफ थे, फिर भी मंत्री बनाया
अशोक गहलोत ने ये बातें 11 मई को जयपुर में पूर्व राज्यपाल नवल किशोर शर्मा की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में कही हैं। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद शांति धारीवाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले ये मेरे खिलाफ थे, लेकिन फिर भी मैंने मंत्री बनाने का ऑफर सबसे पहले इन्हीं को दिया। सीएम ने आगे कहा कि उन्होंने हर उस व्यक्ति को मौका दिया है जो कांग्रेस के साथ है।
पहली बार जब सीएम बने थे गहलोत, बताई तब की बात
गहलोत ने अपने पहले कार्यकाल की जिक्र करते हुए कहा कि 1998 में जब पहली बार सीएम बना तो चुन-चुन कर उन सबको मौका दिया, जो पार्टी के साथ थे। चाहे वो किसी भी आदमी खास रहे हों। गहलोत ने आगे कहा कि मैंने हमेशा लाइन को बड़ा खींचो ना कि किसी की काटो वाली कहावत पर काम किया। सबको साथ लेकर चलने वाला ही कामयाब होता है, जो अकेला चलता है, वह गुटबाजी पैदा करता है। वह अपने-पराए की बात करता है। वह कभी भी कामयाब नहीं हो सकता।
देश में धर्म के नाम पर हो रही राजनीति- गहलोत
अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस के साथ केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा आज देश में यह लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जब नाथद्वारा के दौरे में आए थे तब मैंने कहा था कि देश में विपक्ष का भी सम्मान होना चाहिए। प्रधानमंत्री अपने बयानों में कहते हैं कि विपक्ष सभी भ्रष्टाचारियों का गिरोह बन गया है।
सीएम ने आखिर क्यों किया इटली-जर्मनी का जिक्र
राजस्थान सीएम ने पूछा कि क्या इस प्रकार की भाषा विपक्ष के नेताओं के लिए उचित है? जानबूझकर एक धर्म को दिखाने के लिए ये मुस्लिमों को टिकट नहीं देते। अभी तो ये हिंदुओं को अच्छा लगता होगा, लेकिन मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा, इससे देश का फ्यूचर सुरक्षित नहीं रहेगा। हमने हिटलर, मुसोलिनी की बातें सुनी हैं। वो भी धर्म की राजनीति करते-करते तानाशाह बन गए और जर्मनी और इटली को बर्बाद कर दिया।
