जयपुर. राजस्थान में ग्राम विकास अधिकारी आंदोलन पर उतर आए हैं। राजस्थान के 12285 ग्राम विकास अधिकारियों ने शुक्रवार से 352 पंचायत समितियों पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। उनकी मांगों पर बीते दिनों हुए लिखित समझौते को लागू नहीं करने से ग्राम विकास अधिकारियों में जबरदस्त आक्रोश है। लिहाजा उन्होंने अब कार्य बहिष्कार कर धरना शुरू कर दिया है। ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन गांव के संग अभियान 2021 में मुख्यमंत्री कार्यालय में ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री के साथ लिखित समझौता हुआ था लेकिन वो लागू नहीं किया गया है। इसके खिलाफ प्रदेश में आक्रोश व्याप्त है।
ग्राम विकास अधिकारियों के आंदोलन पर जाने से राजस्थान में 11285 ग्राम पंचायतें नहीं खुल सकी। एक तरफ सरकार महंगाई राहत शिविर के जरिए प्रशासन गांवों के संग अभियान की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ ग्राम विकास अधिकारी संघ ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है। इससे राहत शिविर पर संकट मंडराने लगा है।
आंदोलन से ये कार्य हो रहे प्रभावित
संघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा और ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि लगातार लिखित समझौतों के बाद भी आदेश जारी नहीं किया है। ये सरकार की ओर से छलावा किया जा रहा है। ग्राम विकास अधिकारी संघ के आंदोलन पर जाने से प्रशासन गांव के संग अभियान में होने वाले मुख्य कार्य पट्टा वितरण, जन्म मृत्यु एवं विवाह पंजीयन, पेंशन सत्यापन, महानरेगा योजना में जॉब कार्ड वितरण, स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण सहित ग्राम पंचायत से संबंधित दर्जनों काम-काज अब प्रभावित हो रहे है।
यह है ग्राम विकास अधिकारी संघ की मुख्य मांगें
- ग्राम विकास अधिकारी संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करवाना
- एसीपी के स्थान कर चयनित वेतनमान लागू करवाना
- कैडर पुनर्गठन कर उच्च पद सृजित करवाना
- तीन वर्षो की लंबित पदोन्नतियां करवाना एवं रिव्यू डीपीसी करवाना
- डीआरडीए कार्मिकों को नियमित करवाना
- अंतर जिला स्थानान्तरण पॉलिसी लागू करवाना
- ग्राम विकास अधिकारी के पद का चार्ज अन्य संवर्ग को देने के आदेश को विड्रो करवाना
