जयपुर. राजस्थान में नए जिले बनाने को लेकर बनाए जाने को लेकर आंदोलनरत लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर है। क्योंकि अभी नए जिले नहीं बनेंगे। सीएम अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए पूर्व में बनाई रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 माह और बढ़ा दिया है। ऐसे में अब नए जिले बनाए जाने को लेकर आशान्वित लोगों के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। पहले संभावना थी कि 17 मार्च को सीएम गहलोत नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 माह बढ़ाए जाने के बाद उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत विधानसभा में आगामी 17 मार्च को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर जवाब देंगे। आपको बता दें कि बीते कई बरसों से नए जिले बनाने की मांग उठाई जाती रही है। साथ में लोग आंदोलनरत भी रहे हैं। गहलोत सरकार से बजट में नए जिलों की घोषणा की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया है। इसको लेकर निराशा मिली।
ये बड़े कस्बे हैं जिले बनने की कतार में
जनप्रतिनिधियों और लोगों को आशा थी कि चुनावी साल होने के कारण सीएम वित्त एवं विनियोग विधेयक पर जवाब देने के दौरान नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने से लोग मायूस हो गए हैं। राजस्थान के कई शहर नए जिल बनने की कतार में हैं। इनमें कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, नीमकाथाना, चूरू जिले का सुजानगढ़ और ब्यावर सबसे आगे हैं। इधर सीकर को आठवां संभाग मुख्यालय बनाए जाने की भी चर्चा थी।
15 साल पहले प्रतापगढ़ को बनाया था 33वां जिला
इसके अलावा 4 दर्जन से ज्यादा अन्य तहसीलों को भी जिला बनाने की मांग है। यह मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। करीब 15 साल पहले 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ को राजस्थान का 33 वां नया जिला बनाया था। उसके बाद से लगातार नए जिले बनाने की मांग बनी हुई है। इसे लेकर पूर्व में सरकार ने सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस रामलुभाया कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी का कार्यकाल 13 मार्च को पूरा हो रहा था, लेकिन सीएम गहलोत ने इसके कार्यकाल को 6 माह बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।