जयपुर. मानेसर फ्लैशबैक ने राजनीति में नया बवाल खड़ा कर दिया है। कहने को तो कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक है, लेकिन बयानों के दौर ने सियासी हलचल मचा दी है। पायलट की जनसंघर्ष यात्रा जयपुर में समाप्त हो गई है। इस दौरान आयोजित सभा में पायलट मुखर नजर आए। पायलट ने कांग्रेस आलाकमान को चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि प्यार से मांगोगे को हम हाथ काट कर दे देंगे। अगर धमका कर मांगोगे तो हम हिलने वाले नहीं हैं। पायलट ने कहा कि अब मैं डरने वाला नहीं हूं और मैं दबने वाला भी नहीं हूं। विपक्ष में रहने के दौरान उन्होंने और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की। पार्टी को आगे लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पायलट ने जन संघर्ष यात्रा में साथ चलने वाले नौजवानों के छालों की कसम खाते हुए कहा कि अब मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं, जो भी कुर्बानी देनी होगी, देने को तैयार हूं। जो भी करना होगा, करने को तैयार हूं।
हम गाली खा-खा कर संगठन का काम कर रहे, वे मलाई खा कर बदनाम करने पर तुले हैं
आमसभा को संबोधित करने के दौरान सचिन पायलट काफी आक्रोशित नजर आए। उन्हें पार्टी आलाकमान की ओर से की जाने वाली संभावित कार्रवाई की जरा भी चिंता नहीं की। उन्होंने अशोक गहलोत और उनके कट्टर समर्थकों को आड़े हाथों लेते हुए खूब खरी खोटी सुनाई। पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी के साथ जो विश्वासघात किया गया, पार्टी तोडऩे की कोशिशें और अनुशासनहीनता की गई। वे लोग अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि अनुशासन हमने तोड़ा है या किसी और ने तोड़ा है। उन्होंने कहा कि हम तो बिना पद के ही गाली खा-खा के, खून के घूंट पी-पी के जनता के बीच जाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। वो लोग मलाई खा-खा के, गाली दे-दे के हमको बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
पेपर लीक की घटना को लेकर पायलट का सरकार पर सीधा हमला
प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक होने घटनाओं पर सचिन पायलट ने काफी गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हैं। शहरों में जाकर किराए के कमरों में रहते हैं और कोचिंग करते हैं। हर युवा सालभर में करीब एक लाख रुपए खर्च करता है। परीक्षा से पहले जब पेपर लीक होता है तो उन युवाओं और उनके माता-पिता पर क्या गुजरती होगी, जिन्होंने कर्जा लेकर बच्चों को पढ़ाया। पायलट ने कहा कि पेपर लीक के एक दलाल किराए की बिल्डिंग पर तो बुलडोजर चल गया लेकिन पेपर बेचने वाले बाबूलाल कटारा के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया हर बार बयान देते हैं कि कानून अपना काम कर रहा है। अगर कानून अपना काम कर रहा है तो यह पक्षपात नहीं होना चाहिए। मछली छोटी हो या बड़ी, सबको पकडऩा चाहिए। पायलट ने कहा कि कुछ महीनों पहले जब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया तो यह कहा गया कि कोई भी नेता और अधिकारी इस घटना में शामिल नहीं है। पायलट ने पूछा कि जांच पूरी हुई ही नहीं तो ऐसी घोषणा कैसे कर सकते हैं कि कोई लिप्त नहीं है।
भीड़ जुटाकर पायटल ने दिखाया दम
सचिन पायलट की ओर से आयोजित इस आमसभा में 100 से ज्यादा जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें 28 मौजूदा विधायक और मंत्री, पूर्व मंत्री, राज्य सरकार के बोर्डों के 5 अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस के 7 पदाधिकारी, 10 जिला कांग्रेस अध्यक्ष, लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ चुके 17 प्रत्याशियों, छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी सहित दर्जनों सरपंच, वार्डपंच, प्रधान, प्रमुख, जिला एवं पंचायत समिति के सदस्य शामिल हैं। हजारों की भीड़ सचिन पायलट का समर्थन करने आई। माना जा रहा है पायलट ने भीड़ जुटाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया है। वहीं अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि हम लोग पार्टी छोड़कर चले जाएं लेकिन हम कहीं नहीं जाने वाले। कांग्रेस में ही रहेंगे और यहीं रहकर छाती पर बैठकर मूंग दलते रहेंगे।
