जयपुर. कभी भाजपा और कांग्रेस के राजनैतिक रणनीतिकार में शुमा रहे रहे प्रशांत किशोर(पीके) ने राजस्थान की राजनीति में वर्चुअली एंट्री कर ली है। पिछले कुछ दिनों से फेसबुक पेज पर पीके की कंपनी की ओर से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के जरिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को राजनीति से जोडऩे और उनके राजनैतिक दृष्टिकोण को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। अब एक ताजा जानकारी यह सामने आई है कि प्रशांत किशोर की कंपनी ने सचिन पायलट से भी एक डील की है। पायलट राजस्थान में नई राजनीति के प्रणेता बनने के प्रयास में हैं और प्रशांत किशोर उनके सारथी बनने जा रहे हैं। ऐसा अनुमान सियासी गलियारों में लगाया जा रहा है।
आई-पेक अभियान युवाओं को कर रहा आकर्षित
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर का एक ग्रुप है जिसका पूरा नाम है इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी(आई-पेक)। इस कमेटी के जरिए युवाओं को राजनीति से जोडऩे के साथ उनके दृष्टिकोण को समझाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अभियान चला यूथ को पॉलिटिक्स से जुडऩे की अपील की जा रही है। चलाई जा रही इस मुहीम के मार्गदर्शक खुद पीके हैं। सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर की तस्वीर के साथ 18 से 40 साल तक के लोगों को राजनीति से जोडऩे की मुहीम चलाई जा रही है। डिजिटल एप्लीकेशन के जरिए युवाओं से 15 सवाल पूछकर उनका मन टटोला जा रहा है। इस मुहीम का ऐसा असर देखा जा रहा है युवाओं में इससे जुडऩे की होड़ भी लगी हुई है।
पीके से डील का सचिन पायलट को मिलेगा बड़ा फायदा
सचिन पायलट फिलहाल कांग्रेस में हाशिये पर हैं। ना तो उनके पास सरकार में कोई पद है और ना ही संगठन में। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट पर लगातार तंज कसे जा रहे हैं। इधर पायलट ने भी फिर से गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं। 11 अप्रेल को अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया के खिलाफ अनशन करने के बाद अब जिलों में सभाएं करने में जुट गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। ऐसे में सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया के जरिए चलाए जा रहे अभियान में पायलट को और मजबूती मिलने वाली है। प्रशांत किशोर भी यूथ को पॉलिटिक्स से जोड़ रहे हैं और सचिन पायलट युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं। अगर पायलट और प्रशांत किशोर के बीच डील की खबर पक्की निकलती है तो कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
