चूरू. राजस्थान के चूरू जिले में इन दिनों कड़ाके की सर्दी का असर जारी है। ऐसे में सर्दी के कारण पोर-पोर कांप उठा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्थानों पर निवासरत लोगों के लिए ये सर्दी बैरन बनी हुई है। इसी सर्दी से बचाव के लिए सिगड़ी जलाकर सोए परिवार के तीन लोग हमेशा के लिए नींद में ही सोते रह गए। ये घटना रतनगढ़ तहसील के गांव गौरीसर की है। जिसमें एक ही परिवार के तीन की मौत हो गई और एक मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में मां बेटी भी शामिल है।
रतनगढ़ के सीआई सुभाष बिजारणिया ने बताया कि रविवार रात को गौरीसर गांव निवासी अमरचंद प्रजापत (60) की पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री देवी (36) पत्नी राजकुमार, पोती तेजस्वनी (3) और 3 माह का पोता खुशीलाल एक कमरे में सो रहे थे। रात को सर्दी से बचने के लिए सास-बहू ने कमरे में सिगड़ी जलाकर रख ली। खिड़की दरवाजे सब बंद थे। ऐसे में सिगड़ी का धुंवा कार्बन मोनोऑक्साइड के में तब्दील हो गया। जिससे तीन जनों का दम घुट गया और उनकी मौत हो गई। सुबह करीब 8 बजे तक उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो अमरचंद ने गेट खटखटाया, लेकिन कोई आवाज नहीं आई। फिर अमरचंद ने खिड़की तोड़कर देखा तो सभी लोग चारपाई पर सोते दिखाई दिए। केवल 3 माह का पोता खुशीलाल रोता दिखाई दिया। खिड़की तोड़कर अंदर गया तो पत्नी, बहू और पोती मृत मिले।

कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बढ़ गई और दम घुटने से सास-बहू और पोती की मौत
उन्होंने बताया कि अमरचंद खिड़की से कमरे में घुसा तो पत्नी, बहू और पोती मृत मिले। दादा ने पोते खुशीलाल को बाहर निकाला और पड़ोस के लोगों के साथ अस्पताल पहुंचाया। मासूम की हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसको चूरू के डीबी अस्पताल रैफर कर दिया। यहां पीकू वार्ड में एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम बच्चे के इलाज में जुटी हुई है। बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा है।
इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में सामने आया कि रात को कमरे में सिगड़ी जली हुई थी और खिड़की-दरवाजे बंद थे। सिगड़ी से निकले धुएं से कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बढ़ गई और दम घुटने से सास-बहू और पोती की मौत हो गई, जबकि 3 माह के पोते की हालत गंभीर है।

दादा के पास सोने से बचा 6 साल का पोता
परिवार के लोगों ने बताया कि दादा अमरचंद और 6 साल का पोता कमल अलग कमरे में सो रहे थे, जबकि सास-बहू और पोता-पोती अलग कमरे में थे। दादा के पास सोने से कमल की जान बच गई। अमरचंद का बेटा राजकुमार गुजरात में कंस्ट्रक्शन के ठेके लेता है। वह करीब एक सप्ताह पहले ही गांव आकर गया था। अमरचंद के दो बेटे हैं, जिनमें राजकुमार बड़ा और केदारमल छोटा है।
