UPSC Result 2022: संघ लोक सेवा आयोग ने (UPSC), (CSE) 2022 का परिणाम जारी कर दिया है। रिजल्ट जारी करने के साथ ही यूपीएससी ने इतिहास रच दिया है। इस साल भारतीय सिविल सेवाओं के लिए अब तक की सबसे अधिक संख्या में महिलाओं का चयन किया है। UPSC की ओर से जारी फाइनल लिस्ट में 933 उम्मीदवारों (320) में से एक तिहाई से अधिक महिलाएं हैं। इससे केवल दो दशक पहले चयनित उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या केवल 20 प्रतिशत ही थी।
इसके अलावा, इस साल टॉप 4 रैंक (Top 4th Rank) में महिलाओं ने जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महिला उम्मीदवारों ने टॉप 3 में स्थान हासिल किए हैं। गौतम बुद्ध नगर की दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट इशिता किशोर ने अपने वैकल्पिक विषयों के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा में टॉप किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) से ग्रेजुएशन की है।
वहीं टॉप 2 रैंक हासिल करने वाली बिहार के बक्सर की गरिमा लोहिया ने किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स विषय से ग्रेजुएशन की है। तेलंगाना की उमा हराथी एन ने आईआईटी हैदराबाद से बीटेक किया है और यूपीएससी में टॉप 3 रैंक प्राप्त की हैं। डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज से बीएससी ग्रेजुएट स्मृति मिश्रा ने चौथी रैंक हासिल की हैं।
सिविल सेवा में महिलाओं की क्रमिक वृद्धि
सिविल सेवाओं में पिछले दो दशकों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में क्रमिक वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2006 तक यूपीएससी की आर से चुने गए कुल उम्मीदवारों में उनकी हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत थी। इस साल 34 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक महिलाओं की हिस्सेदारी देखी गई। वर्ष 2020 में महिलाओं की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत थी। वर्ष 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में, यह 20 प्रतिशत से नीचे था, लेकिन इस वर्ष महिलाओं की कुल संख्या में उनकी पूर्ण संख्या और हिस्सेदारी में वृद्धि अब तक की सबसे उल्लेखनीय वृद्धि है।
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पिछले साल नियुक्ति के लिए 685 उम्मीदवारों की सिफारिश की थी, जिनमें 508 पुरुष और 177 महिलाएं थीं। इस साल 933 चयनित उम्मीदवारों में से करीब 320 महिलाएं हैं। पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में लगभग 9 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 में कुल 922 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी, जो इस वर्ष के रिजल्टों के बराबर है। फिर भी, कुल संख्याओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत थी, जबकि इस साल यह संख्या 34 प्रतिशत थी।
मन में थी सेवा की भावना
भारतीय वायु सेना परिवार में पली-बढ़ी, इस साल की टॉपर इशिता किशोर ने कहा कि उनके परिवार में कम उम्र से ही कर्तव्य और सेवा की भावना पैदा की गई थी. वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना चाहती हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर को अपनी प्राथमिकता के रूप में इंगित किया है.
