जयपुर. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन के अनशन पर बैठने वाले सचिन पायलट दिल्ली जाने के चार दिन बाद वापस जयपुर लौट आए हैं। वे अब एक्शन में नजर आ रहे हैं। अब जयपुर और झुंझुनू के दौरे पर निकले पायलट जनता से सीधा संवाद करते दिखाई देंगे। इस बीच वह कई स्थानीय कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संकट के बीच उनका यह दौरा राजनीतिक गलियारों में उठापटक वाला माना जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ उनके इस दौरे को चुनाव से पहले एक बड़ा कदम मान रहे हैं। पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अनबन किसी लंबे समय से जारी है, ये बात किसी से छुपी नहीं है, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर ऐसा ही रहा तो राजस्थान कांग्रेस को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।
स्थानीय कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा
सचिन पायलेट जयपुर और झुंझुनू के दौरे पर हैं। इस दौरान वह स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे। सबसे पहले शाहपुरा में परमानंद धाम खोरी में कुछ समय मौजूद रहेंगे। इसके बाद खेतड़ी के टीबा में शहीद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। जिसके बाद वह पब्लिक के साथ सीधा संवाद करते नजर आने वाले है.
खुद तय किया प्रोग्राम
दिल्ली से चार दिन बाद लौटे पायलेट ने यह कार्यक्रम खुद से तय किया है। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के साथ ही वह आम जनता से मिलकर सीधे तौर पर संवाद करते नजर आएंगे। बता दे जयपुर और झुंझुनू के दौरे पर निकले सचिन पायलट आने वाले विधानसभा चुनाव में बहुत अहम भूमिका में नजर आने वाले है।
चुनाव से पहले मचा बवाल
राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव है, लेकिन चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में बवाल मच गया है। कांग्रेस पार्टी के आलाकमान दोनों नेताओं के बीच सुलह करवाने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन बात नहीं बन पा रही है। बता दें पायलेट को कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल करने का ऑफर तक दिया है। साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी में भी शामिल करने का ऑफर है। इसके अलावा राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट के बटवारे में उन्हें बड़ा रोल दिया जाएगा। वहीं पायलेट ने इन ऑफरों के लिए साफ तौर पर मना कर दिया है।
