मुंबई. शरद पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करने को तैयार हो गए हैं। एनसीपी की 18 सदस्यीय कोर कमिटी ने वाईबी चव्हाण सेंटर में शुक्रवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से शरद पवार को इस्तीफे को नामंजूर कर दिया। उनसे पार्टी का नेतृत्व करते रहने का अनुरोध किया। राकांपा नेता छगन भुजबल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने कमेटी में हुई चर्चा और उसकी रिपोर्ट पवार साहब को दे दिया है। हमने उन्हें कार्यकर्ताओं की भावनाओं, देश से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के आ रहे फोन के बारे में भी बताया है। हमने उनसे विनती की है कि वह इस पर सकारात्मक निर्णय लें। उन्होंने कुछ समय मांगा है, उसके बाद अपना फैसला बताएंगे।
एनसीपी कोर कमेटी के एक अन्य सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने कमेटी में हुए फैसले की रिपोर्ट शरद पवार साहब को सौंप दी। इस दौरान पवार भावुक हो गए थे। उन्होंने हमारी बातों को बहुत ध्यान से सुना है। पवार साहब ने दो-तीन दिन का वक्त मांगा है। विचार करके फिर वह अपना फैसला सुनाएंगे। एनसीपी की राष्ट्रीय सचिव सोनिया दुहान ने कहा कि आज कोर कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव एकमत से पारित किया कि शरद पवार अध्यक्ष बने रहेंगे। हमने कोर कमेटी की बैठक में लिए फैसले की रिपोर्ट शरद पवार को सौंप दी है और उनसे विनती की है कि वह अपना फैसला वापस लें। शरद पवार ने कुछ वक्त मांगा है और हम उम्मीद करते हैं कि वह जरूर अपना फैसला वापस लेंगे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे।
ये है चुनौती
पार्टी के लिए बड़ी चुनौती शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को अपने पाले में रखना है। ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि 63 वर्षीय नेता के लिए एनसीपी में कोई विशेष भूमिका तैयार की जा रही है, लेकिन एनसीपी अगले विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में अपने नेता को खड़ा करने के लिए सहयोगी दल कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी गठबंधन में सबसे बड़ी है और अजीत पवार विपक्ष के नेता हैं। 2024 के चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का काम कर रहे शरद पवार को आज देश के विपक्षी दलों के नेताओं ने फोन किया और उनके एनसीपी अध्यक्ष पद से हटने के फैसले पर चर्चा की।
