अफ्रीकी देश सूडान में जारी खूनी संघर्ष तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुका है। सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 15 अप्रैल को जंग शुरू होने के बाद से 500 लोग इस लड़ाई का शिकार हो चुके हैं। इसके बावजूद ये लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार गोलीबारी और बमबारी की आवाजें सुनाई दे रही है। मिसाइल दागी जा रही है। इमारतें धराशाई हो रही हैं। इस बीच आरएसएफ के लीडर जनरल मोबम्मद हमदान डागलो ने कहा है कि लड़ाई जब तक जारी रहेगी तब तक कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने इस बात के भी आरोप लगाए हैं कि उनके लड़ाकों पर लगातार बमबारी की जा रही है। इस बीच खबर ये भी है कि कई युद्धविरामों के लिए सहमत हुए हैं, लेकिन इसके बावजद जंग थमती नजर नहीं आ रही है।
3 हजार भारतीयों को बाहर निकाला गया
हिंसक लड़ाई से मरने वाले आम नागरिकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अब तक सैकड़ों नागरिक इसमें जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए हैं। इसके अलावा कई लोगों खाने-पानी और बिजली की कमी के बीच घरों में कैद रहने के लिए मजबूर है। वहीं ऑपरेशन कावेरी के तहत अब तक करीब 3 हजार भारतीयों को सूडान से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
इन क्षेत्रों में फैली हिंसा
जिन क्षेत्रों में हिंसा फैली है, उनमें राजधानी खार्तूम के अलावा दारफुर भी क्षेत्र शामिल है। जिनानी में हिंसा के बीच बड़ी संख्या में बाजारों, गोदामों औऱ बैंक लूटने की जानकारी मिली है। हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। लोग सुरक्षित जगहों पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। हजारों लोग अपने पड़ोसी देश सूडानी चाड, मिस्त्र और दक्षिण सूडान जैसे क्षेत्रों में जा चुके हैं।
संघर्षविराम समझौते के बाद भी नहीं थम रही हिंसा
बता दें, इससे पहले गुरुवार देर रात को दोनों पक्षों के नेता 72 घंटों के संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे, लेकिन इसके बावजूद हिंसा जारी है। ये संघर्ष विराम समझौता अमेरिका औऱ सऊदी अरब की मदद से किया गया था।
