जयपुर. राजधानी जयपुर में शासन सचिवालय के पास स्थित योजना भवन के बेसमेंट में मिले 2 करोड़ साढे 31 लाख रुपए की नकदी और एक किलो सोना मिलने के मामले में जयपुर पुलिस (Jaipur Police) ने डीओआईटी (Doit) के जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव (Vedprakash Yadav) को आरोपी माना है। इस मामले को लेकर अशोक नगर थाना प्रभारी की ओर से एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सिस्टम एनालिस्ट जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव को हिरासत में लेकर एसीबी के सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज (Cctv Footage) के आधार पर वेदप्रकाश को रिश्वत लेने का आरोपी माना है। पुलिस ने करीब एक माह पुराने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें वेद प्रकाश यादव योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारी में बैग रखता नजर आ गया। इसी आधार पर यादव को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने योजना भवन में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो डीओआईटी में सिस्टम एनालिस्ट जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव की काली कमाई करने की करतूत सामने आ गई। पहले पुलिस ने कहा था कि इस अलमारी को दो माह से किसी ने नहीं खोला और इसकी चाबियां नहीं मिल रही है। 8 मई 2023 की शाम को साढे 6 बजे वेदप्रकाश यादव इस अलमारी में बैग रखता दिखाई दे रहा है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि अलग-अलग टेंडर के लिए उसने अलग-अलग लोगों से कई बार रिश्वत ली थी। रिश्वत की रकम वह कई सालों से इसी अलमारी में रख रहा था।
रिश्वत की रकम जमा कर रहा था वेद प्रकाश यादव
पुलिस ने बताया कि डीओआईटी में सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर और कई तरह के सिक्योरिटी सिस्टम खरीदने का काम होता है। डीओआईटी में तैनात वेदप्रकाश यादव पिछले कई सालों में हुए टेंडर में विभिन्न कंपनियों से रिश्वत लेता था। 2000 और 500 रुपए के नोटों की गड्डियां रिश्वत में लेने के बाद उन्हें घर ले जाने के बजाय वह ऑफिस के बेसमेंट में रखी अलमारी में जमा करता रहा। वर्ष 2016 में जब नोटबंदी हुई और 100-500 के पुराने नोट बंद हुए तो रिश्वत की बड़ी रकम से वेदप्रकाश ने सोने की ईंट खरीद ली। इस ईंट को भी घर ले जाने के बजाय ऑफिस की अलमारी में ही रख दिया। कोरोना के बाद विभिन्न कंपनियो से ली गई रिश्वत की रकम भी वह इसी अलमारी में जमा करता गया।
यादव को बिना बताए खोली थी काली कमाई वाली अलमारी
ये आलमारी योजना भवन के बेसमेंट में रखी हुई थी। इसकी चाबी किसके पास थी। इसकी जानकारी कई कर्मचारियों को नहीं थी। ऑफिस की फाइलों के डिजिटलाइजेशन के काम के दौरान जब इस अलमारी को खोलना था तो कई दिनों तक चाबी को ढूंढा जा रहा था। शुक्रवार दोपहर बाद इस अलमारी का लॉक तोड़ा तो कर्मचारी दंग रह गए। क्योंकि अलमारी में नोटों की गड्डियां और एक किलो सोने की ईंट निकली थी। ऐसे में तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। बाद में पुलिस ने रुपयों को जब्त किया और जांच की तो वेद प्रकाश यादव की करतूत सबके सामने आ गई।
अब रिश्वत देने वाले भी निशाने पर
एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। डीओआईटी के जॉइंट डायरेक्टर से पूछताछ की जा रही है। प्रारम्भिक पूछताछ में अलग-अलग कंपनियों से रिश्वत लेते रहने की बात सामने आई है। अब एसीबी उन कंपनियों को निशाने पर ले रही है। जिनके प्रतिनिधियों ने रिश्वत की रकम दी थी। यादव की निशानदेही पर उन कंपनियों की लिस्ट बनाई जा रही है। जिन्हें पिछले 5-7 सालों में विभिन्न टेंडर दिए और इसके बदले यादव को रिश्वत दी गई।
